देहरादून (एएनआई/पीटीआई)। जनरल नरवणे ने कहा कि युवा अधिकारी ऐसे समय कमीशन पा रहे हैं जब भारतीय सेना चुनौतीपूर्ण हालात में है। सेना के उच्च मानदंडों वाला कड़ा प्रशिक्षण उन्हें इन हालातों का सामना करने में मदद करेगा। परेड में 423 कैडेट ने सेना में कमीशन प्राप्त किया। इनमें 333 युवा अधिकारी भारत से और 90 दूसरे देशों के कैडेट थे। उन्होंने कहा कि देश संकट के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में सुरक्षा और आन-बान की जिम्मेदारी युवा सैन्य अधिकारियों के कंधों पर है। मिलिट्री लीडर्स को देशवासियों की उम्मीदों के साथ जीना पड़ता है। उन्होंने कहा कि रेजीमेंट्स खराब या अच्छी नहीं होते सिर्फ अधिकारी अच्छे होते हैं।
थल सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि वे देशवासियों को भरोसा देना चाहते हैं कि चीना के साथ बॉर्डर पर हालात नियंत्रण में है. उन्होंने कहा कि चीन के साथ कई स्तर पर बातचीत चल रही है. जिसकी शुरुआत कमांडर लेवल वार्ता से हुई, इसके बाद दोनों पक्षों के बीच कमांडर लेवल की बातचीत हुई है.
एलएसी पर भारत-चीन सैन्य विवाद पर जनरल नरवणे ने कहा कि चीन से लगी सीमा पर हालात काबू में हैं। उम्मीद है कि दोनों देश वर्तमान में चल रही बातचीत से मसले को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझा लेंगे। वे अपने मतभेदों को वार्ता के जरिए दूर करने में सक्षम हैं। वे सभी को आश्वस्थ करना चाहते हैं कि चीन से लगी सीमा पर हालात नियंत्रण में हैं। इस मामले में कई दौर की वार्ता हुई है। कोर कमांडर लेवल की बातचीत के बाद स्थानीय स्तर के समान रैंक वाले सैन्य कमांडरों के बीच बैठकें हो रही हैं। बातचीत जारी है और उम्मीद है कि आगे दोनों देश सैन्य विवाद और मतभेदों को दूर करके मुद्दे को सुलझा लेंगे।
नेपाल से भारत के रिश्ते को लेकर जनरल नरवणे ने कहा कि नेपाल से हमारे देश के रिश्ते बहुत मजबूत हैं। दोनों राष्ट्र भौगोलिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक रिश्तों की डोर से मजबूती से एकदूसरे से बंधे हुए हैं। दोनों देशों के लोगों के आपसी रिश्ते बहुत अटूट हैं। भविष्य में भी हमारे उनके साथ संबंध हमेशा अच्छे और प्रगाढ़ रहेंगे। जम्मू और कश्मीर को लेकर उन्होंने कहा कि पश्चिम में पड़ोसी पाकिस्तान के साथ रिश्ते चिंताजनक हैं। पिछले 10 दिनों के दौरान हमें घाटी में काफी सफलता मिली है। पिछले एक पखवाड़े में 15 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया है। यह सब सुरक्षा बलों के अच्छे तालमेल की वजह से हो सका है।