मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि 14 अप्रैल को स्थिति की समीक्षा करने के बाद ही सरकार स्कूल-कॉलेज खोलने पर कोई निर्णय लेगी। निशंक ने कहा कि छात्रों और अध्यापकों की सुरक्षा सरकार के लिए सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार है कि यदि स्कूल-कॉलेज को 14 अप्रैल के बाद भी बंद रखने की जरूरत पड़े तो पढ़ाई-लिखाई का कोई नुकसान नहीं हो। लॉकडाउन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 24 मार्च को घोषणा किये जाने से पहले से ही स्थगित हैं।
देश में 800 विश्वविद्यालय, 40,000 कॉलेज और 12,000 उच्च शिक्षण संस्थान के अलावा 1.5 लाख स्कूल हैं। दीक्षा और स्वयं जैसे विभिन्न सरकारी प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए कक्षाएं ऑनलाइन संचालित की जा रही है।
एचआरडी मंत्री ने कहा, ”मैंने आईआईटी निदेशकों से बात की है…उन्हें यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि अंतिम वर्ष के छात्रों का प्लेसमेंट स्थिति के चलते प्रभावित नहीं हो। आने वाले हफ्तों में मैं एनआईटी के निदेशकों से भी बात करूंगा।
उन्होंने कहा, ”8 वीं कक्षा तक के सभी छात्रों को अगली कक्षा में प्रवेश दे दिया गया है। 9वीं और 11 वीं के छात्रों के लिये स्कूलों को आंतरिक आकलन में उनके प्रदर्शन के आधार पर ग्रेड देने को कहा गया है। सीबीएसई 10वीं और 12वीं की लंबित परीक्षाओं में सिर्फ 29 मुख्य विषयों के लिये ही परीक्षा लेगा।