मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले में SC में सुनवाई आज…….

मणिपुर में दो महिलाओं के साथ दरिंदगी से देश को शर्मसार करने वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा।

गौरतलब है, 4 मई की घटना का वीडियो वायरल होने के बाद से देशभर में आक्रोश है। संसद में भी मानसून सत्र की शुरुआत से हंगामा जारी है। भाजपा ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है।

लेकिन साथ ही वीडियो वायरल करने के समय पर भी सवाल उठ रहा है। वीडियो 20 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र से एक दिन पहले वायरल हुआ था।

बता दें कि, यह घटना राज्य की राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले के गांव बी. फीनोम में हुई। ग्राम प्रधान द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक, 4 मई को शाम लगभग तीन बजे 900-1000 की संख्या में कई संगठनों से जुड़े लोग बी. फीनोम गांव में जबरदस्ती घुस आए।

हिंसक भीड़ ने सभी घरों में तोड़फोड़ की और फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बर्तन, कपड़े, अनाज सहित नकदी को लूटने के बाद सभी चल संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया।

इसके अलावा पांच ग्रामीण अपनी जान बचाने के लिए जंगल की ओर भाग गए। बाद में उन्हें नॉनपाक सेकमाई पुलिस टीम द्वारा बचाया गया और वे नोंगनोक सेकमाई थाने के रास्ते में थे। इस बीच उन्हें रास्ते में एक भीड़ ने रोक दिया और नोंगपोक सेकमाई थाने से लगभग दो किलोमीटर दूर और 33 एआर सोमरेई चौकी से लगभग तीन किलोमीटर दूर भीड़ ने उन्हें पुलिस टीम की सुरक्षा से छीन लिया। इसके अलावा एक 56 साल के व्यक्ति की घटनास्थल पर ही हत्या कर दी गई।

मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया था और इसे बेहद संवैधानिक अधिकारों का घोर उल्लंघन बताया था। शीर्ष अदालत ने अगली सुनवाई 28 जुलाई को तय करते हुए केंद्र और राज्य सरकारों से स्पष्टीकरण मांगा था और यह सुनिश्चित करने को कहा था कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। वहीं, मणिपुर में जातीय हिंसा से संबंधित कई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में 28 जुलाई को सुनवाई होनी थी।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के खराब स्वास्थ्य के कारण सुनवाई टाल दी गई थी। इस पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। ये एक नई याचिका पर भी सुनवाई करेगी जो सीधे तौर पर मणिपुर की 4 मई की घटना से जुड़ी है।

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