Haryana Local Body Election2020: किसान आंदोलन के बीच ‘BJP’ और सहयोगी ‘JJP’ की करारी शिकस्त….

  • हरियाणा में हुए 7 निकाय चुनाव के नतीजे सत्ताधारी बीजेपी-जेजेपी गठबंधन के लिए निराशापूर्ण रहे. इन 7 में से सिर्फ रेवाड़ी नगर परिषद और पंचकूला नगर निगम में बीजेपी कमल खिलाने में कामयाब रही,
  • जबकि बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रहे जेजेपी किसी भी नगर पालिका के चेयरमैन और नगर निगम में जीत नहीं हासिल कर सकी. 

हरियाणा में 27 दिसंबर को संपन्न निकाय चुनाव के नतीजे बुधवार को आ गए। सोनीपत, पंचकूला और अंबाला नगर निगम में मेयर पद के लिए पहली बार सीधे वोट डाले गए थे। इसमें भाजपा के खाते में पंचकूला और कांग्रेस के खाते में सोनीपत मेयर पद आया। अंबाला मेयर पद का चुनाव पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी और हरियाणा जन चेतना पार्टी की उम्मीदवार शक्ति रानी ने जीता। रेवाड़ी नगर परिषद चुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की। वहीं सांपला, धारुहेड़ा और उकलाना नगरपालिका में निर्दलीयों की जीत का डंका बजा। इस बार मेयर, नगर परिषद और नगरपालिका अध्यक्ष के लिए सीधे चुनाव हुआ है।

 किसान आंदोलन के बीच हरियाणा में बुधवार को निकाय चुनाव के नतीजे घोषित हुए. जिसमें सत्ताधारी बीजेपी-JJP को शिकस्त मिली है. 27 दिसंबर को संपन्न हुए निकाय चुनाव में सोनीपत, पंचकूला और अंबाला नगर निगम में मेयर पद के लिए पहली बार सीधे वोट डाले गए थे. इसमें बीजेपी के खाते में पंचकूला और कांग्रेस के खाते में सोनीपत मेयर की कुर्सी आई, जबकि जेजेपी को किसी भी नगर पालिका के चेयरमैन और नगर निगम में जीत हासिल नहीं हुई. 

बता दें कि हरियाणा में हुए 7 निकाय चुनाव के नतीजे सत्ताधारी बीजेपी-जेजेपी गठबंधन के लिए निराशापूर्ण रहे. इन 7 में से सिर्फ रेवाड़ी नगर परिषद और पंचकूला नगर निगम में बीजेपी कमल खिलाने में कामयाब रही, जबकि बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रहे जेजेपी किसी भी नगर पालिका के चेयरमैन और नगर निगम में जीत नहीं हासिल कर सकी. 

मालूम हो कि हरियाणा में 7 जगहों पर निकाय चुनाव हुए थे, जिनमें तीन नगर निगम, तीन नगर पालिका और एक नगर परिषद शामिल है. इस इन 7 जगहों में से बीजेपी-जेजेपी गठबंधन को सिर्फ रेवाड़ी नगर परिषद के प्रेसिडेंट पद पर और पंचकूला नगर निगम के मेयर पद पर ही जीत हासिल हुई, बाकी पांच जगहों पर बीजेपी को कांग्रेस और निर्दलीयों से हार का सामना करना पड़ा. 

अगर ओवरऑल पार्षदों के पदों की बात की जाए तो वहां पर भी बीजेपी के पार्षद पद के उम्मीदवारों का औसत प्रदर्शन ही नजर आया है. यहां तक कि अंबाला, जोकि बीजेपी का गढ़ माना जाता है, वहां पर भी मेयर पद का चुनाव बीजेपी हार गई. तीनों नगरपालिका पर भी बीजेपी-जेजेपी गठबंधन के उम्मीदवार निर्दलीयों और कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों के सामने चुनाव हार गए हैं. 

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