हरियाणा के मेवात, गुरुग्राम, फरीदाबाद और रेवाड़ी ये वो चार जिले हैं जहां धारा 144 लागू है. वजह है दो पक्षों में विवाद और पत्थरबाजी के बाद उपजा तनाव. इस तनाव की शुरुआत मेवात के नूंह इलाके से हुई. जहां हिंदू संगठनों द्वारा निकाली जा रही ब्रजमंडल यात्रा के दौरान दो गुटों में टकराव हुआ. टकराव के बाद पत्थरबाजी की खबरें आईं और देखते ही देखते पचासों गाड़ियां आग के हवाले कर दी गईं. इस हिंसा में दो होम गार्डस की मौत तक हो गई और 10 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
शुरुआत में तो मेवात का पुलिस बल तक हिंसा पर काबू पाने के लिए कम पड़ गया. ऐसे में हिंसा प्रभावित क्षेत्र में गुरुग्राम से मेवात फोर्स भेजा गया. तो इस बीच हमलावरों ने मेवात से गुरुग्राम जा रहीं पुलिस की गाड़ियों पर भी पथराव कर दिया. इस हमले में कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए तो वहीं होमगार्ड नीरज (थाना खेड़की दौला) व होमगार्ड गुरसेवक (थाना खेड़की दौला) की मौत हो गई. अन्य सभी घायल पुलिसकर्मियों का मेदांता हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है. बताते चलें कि हरियाणा का मेवात-नूंह इलाका गो-तस्करी के विवाद में पहले से बेहद संवेदनशील रहा है. ये इलाका देश की राजधानी से सिर्फ डेढ़ घंटे की दूरी पर है. मेवात जैसे इलाके में धार्मिक यात्रा पर पथराव हुआ. मंदिर को घेरकर हमले का दावा किया गया. दावा किया गया कि सैकड़ों लोग मंदिर में फंस गए. जिन्हें बाद में रेस्क्यू तक किया गया.
हिंदू संगठनों की तरफ से तय था कि ब्रजमंडल यात्रा निकाली जाएगी. तय प्लान के मुताबिक मेवात में शिव मंदिर के सामने से बृजमंडल यात्रा निकाली जा रही थी, तभी यात्रा पर पथराव हो गया. इस बृजमंडल यात्रा में बजरंग दल के कई कार्यकर्ता पहुंचे थे. मोनू मानेसर ने पहले ही वीडियो शेयर कर यात्रा में अधिक से अधिक लोगों से पहुंचने की अपील की थी. मोनू मानेसर की अपील से नाराज नूह के स्थानीय लोगों ने जमकर आज बवाल काटा और तभी यह पथराव हुआ.
कौन है मोनू मानेसर, जिसके आने की खबर से भड़के नूंह के लोग
मोनू मानेसर नासिर-जुनैद हत्याकांड में वांटेड है. हरियाणा के भिवानी में लोहारू के बारवास गांव के पास एक जली हुई बोलेरो में 16 फरवरी को दो कंकाल मिले थे. मृतकों की पहचान नासिर (25) और जुनैद (35) के तौर पर हुई थी. इन दोनों की हत्या के बाद ही मोनू मानेसर चर्चा में आया था. हाल ही में उसने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर मेवात इलाके में होने वाली एक महारैली में शामिल होने का सभी को न्योता दिया था. इतना ही नहीं मोनू मानेसर ने कहा था कि मैं खुद भी इस रैली में शामिल होऊंगा. वो इन दिनों फरार चल रहा है. उसके आने से स्थानीय लोग नाराज थे और पथराव शुरू हो गया. पथराव ने भयंकर हिंसा का रूप ले लिया.
सोहना में दुकानों और गाड़ियों को बनाया गया शिकार
मेवात-नूंह इलाके से शुरू हुई हिंसा से फैला तनाव कुछ देर बाद हरियाणा के सोहना और गुरुग्राम तक पहुंच गया. सोहना इलाके में भी दोनों पक्षों की तरफ गाड़ियों में आग लगा दी गई. दोनों ही पक्षों की ओर से पत्थर चलाए गए. सोहना में भीड़ ने कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की तो एक गाड़ी को आग के हवाले भी कर दिया. सोहना में कई दुकानों को भी आग के हवाले कर दिया गया.
Till sufferer will not start retaliate they must keep suffering. So before planning any event we must prepare ourselves for such accidents.