- शक के दायरे में आया राजधानी देहरादून का पैथोलॉजी लैब
- कोविड-19 पॉजिटिव रिपोर्ट देने के मामले में उठे सवाल.
- मुख्य सचिव का फरमान पैथोलॉजी लैब की कराई जाए जांच.
देहरादून;
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने सचिवालय में कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने निर्देश दिये की होम आईसोलेशन का नियमानुसार पालन किया जाय। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि देहरादून में लोगों से शिकायतें मिल रही हैं कि कुछ प्राइवेट लेब में टेस्ट कराने पर रिपोर्ट पाॅजिटव आ रही है, जबकि सरकारी अस्पताल में उसी व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है।
यह भी शिकायतें आ रही हैं कि देहरादून के प्राइेवेट लेबों से लगभग 50 प्रतिशत लोगों की रिपोर्ट पाॅजिटिव आ रही है। उन्होंने जिलाधिकारी देहरादून को निर्देश दिये कि जिन लोगों के प्राइवेट लेब में टेस्ट पाॅजिटव आये हैं, उनमें से कुछ लोगों की सरकारी अस्पतालों में टेस्टिंग की जाय। यदि किसी प्राइवेट लैब द्वारा गलत रिपोर्ट दी जा रही है, तो उन पर सख्त कारवाई की जाय।
शक के दायरे में आहूजा लैब

सूत्रों के हवाले से खबर है कि आहूजा लैब निर्देशक ने कहा है कि हमारी लैब बहुत ही निष्पक्षता के साथ काम कर रही है. और इस तरीके की जांच के बहाने हमारे मनोबल मनोबल को कमजोर किया जा रहा है.
आहूजा की लैब उत्तराखंड की सबसे बड़ी और आधुनिक तकनीकी से सज्जित अकेली लैब है। सरकार के पास कोविड के शुरुआती दौर में जब एक भी लैब अपनी नहीं थी तो आहूजा लैब ही सैंपल के लिए इकलौता सहारा था।
आज भी देहरादून के तकरीबन सभी बड़े अस्पतालों के सैंपल इसी लैब के कर्मचारी उनके ICU में जा के ले रहे हैं यही वजह है कि ऐसा माना जा रहा है कि आरोपों के चलते इस लैब के खिलाफ सरकार का कोई भी जल्दबाज़ी भरा कदम केंद्र और उसके कोरोना नियंत्रण मुहिम को ही चौपट कर सकता है।
सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि सभी जनपदों में कोविड कन्ट्रोल रूम में सुपरविजन के लिए वरिष्ठ अधिकारी को रखा जाय। 24 घंटे कार्मिकों की ड्यूटी हो, लोगों की समस्याओं का शीघ्र निदान किया जाय। कोविड केयर सेंटर, होम आईसोलेशन एवं अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए एम्बुलेंस की अलग-अलग व्यवस्था की जाय। कोविड केयर सेंटर में दिन में दो बार स्वास्थ्य परीक्षण जरूर करवाएं।
CS ने सभी कोविड सेंटरों में सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था हो। ट्रू-नाॅट मशीन से सेंपलिंग और बढ़ाई जाय। फ्रन्ट लाईन कोरोना वाॅरियर्स को भी आईवर मेक्टिन दवा दी जाय। सभी जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जनपदों में दवा की पर्याप्त उपलब्धता हो