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सरकार ने किया डिस्चार्ज नियमों में बदलाव, जानिए केसे होगा अब परिक्षण

कोरोना वायरस के संक्रमण से उबरने के बाद अब अस्पताल से छुट्टी मिलने की नीति में बदलाव हुआ है। शनिवार सुबह केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इसे लेकर नई नीति जारी की। नए बदलावों के अनुसार अब हल्के मामलों में डिस्चार्ज से पहले परीक्षण की जरूरत को खत्म कर दिया गया है। यदि मरीज में किसी तरह के लक्षण दिखाई देते और हालात सामन्य लगते हैं तो उसे अस्पतला से 10 दिन में भी छुट्टी दी जा सकती है। छुट्टी मिलने के बाद अब उसे 14 दिन की बजाए सात दिन होम आइसोलेशन में रहना होगा। टेली-कॉन्फ्रेंस के जरिए 14वें दिन मरीज का फॉलो-अप लिया जाएगा।

किन मरीजों के लिए ऑक्सीजन बेड्स

गंभीर लक्षण वाले मरीजों को डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में ऑक्सीजन बेड्स पर रखा जाएगा। उन्हें तापमान और ऑक्सीजन सैचुरेशन चेक्स प्रक्रिया से गुजरना होगा। यदि तीन दिन में मरीज का बुखार उतर जाता है तो अगले चार दिनों तक उसका सैचुरेशन लेवल देखा जाएगा। इसके 95 प्रतिशत से ज्यादा रहने पर उसे 10 दिन बाद छुट्टी दी जा सकती है। हालांकि उसे बुखार, सांस लेने में तकलीफ और ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए। ऐसे मरीजों का छुट्टी से पहले परीक्षण नहीं किया जाएगा।

कम लक्षण वाले मरीजों के लिए फैसिलिटी

ऐसे मरीज जिनमें कोरोना वायरस के कोई लक्षण या बहुत कम लक्षण दिखाई देते हैं तो उन्हें कोविड केयर फैसिलिटी में रखा जाएगा। यहां लगातार उन्हें तापमान और पल्स ऑक्सिमेट्री मॉनिटरिंग से गुजरना होगा। यदि उन्हें तीन दिन तक बुखार नहीं आता है तो मरीज को 10 दिन में अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है।

इससे पहले परीक्षण की जरूरत नहीं होगी। अस्पताल से छुट्टी देते समय ऐसे मरीज को सात दिन होम आइसोलेशन में रहने के लिए कहा जाएगा। छुट्टी से पहले यदि मरीज का ऑक्सीजन सैचुरेशन 95 प्रतिशत से नीचे जाता है तो उसे डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर लाया जाएगा।

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