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“गोपाल खेमका हत्याकांड: दूसरे आरोपी का पुलिस एनकाउंटर, गोलियों की तड़तड़ाहट में खत्म हुआ फरार क़िस्सा!”

पटना की गलियों में उस वक्त हड़कंप मच गया जब बिहार के चर्चित उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या से जुड़े दूसरे आरोपी की जान एक पुलिस मुठभेड़ में चली गई। पुलिस उस युवक से बस कुछ सवाल पूछना चाह रही थी — लेकिन हालात ऐसे बन गए कि गोलियां चलने लगीं और एक ज़िंदगी वहीं खत्म हो गई।
बताया जा रहा है कि पुलिस को इस केस में बड़ी लीड सोमवार देर शाम मिली, जब गोपाल खेमका की हत्या में शामिल शूटर उमेश कुमार उर्फ विजय सहनी को गिरफ़्तार किया गया। उमेश पटना सिटी के माल सलामी का रहने वाला है और उसके बारे में जानकारियाँ मिलने के बाद पुलिस ने तेजी से छापेमारी शुरू की।

जानकारी के अनुसार, उमेश की निशानदेही पर पुलिस विकास नाम के दूसरे आरोपी के ठिकाने पर पहुंची थी। इरादा बस यह था कि उसे हिरासत में लिया जाए और पूछताछ हो। लेकिन जैसे ही पुलिस टीम वहां पहुंची, विकास ने गोलियां चलानी शुरू कर दी। वो डर गया या पहले से तैयार था — ये कहना मुश्किल है। लेकिन उस फायरिंग के जवाब में पुलिस को भी गोली चलानी पड़ी। और उसी मुठभेड़ में विकास की जान चली गई।
मौके से पुलिस ने दोपहिया वाहन, एक हथियार और लगभग तीन लाख रुपये की सुपारी के तौर पर दी गई रकम भी बरामद की है।
घटना के बाद पूरे शहर में खलबली मच गई है। सवाल भी उठ रहे हैं — क्या यह हत्या पहले से प्लान की गई थी? किन-किन लोगों का इसमें हाथ हो सकता है? और क्या ये मामला सिर्फ सुपारी तक ही सीमित है?
फिलहाल, पुलिस अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है, लेकिन पटना के लोग इस खौफनाक मुठभेड़ की चर्चा करते नहीं थक रहे।

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