- मशहूर इस्लामिक स्कॉलर मौलाना कलीम सिद्दीकी व उनके साथी तीन मौलानाओं और ड्राइवर को सुरक्षा एजेंसी ने पूछताछ के लिए उठा लिया है।
- मौलाना कलीम की गतिविधियां संदिग्ध होने का शक है।
- देर रात मौलाना के समर्थन में उलमाओं समेत मुस्लिम समुदाय के लोगों की लिसाड़ीगेट थाने में भीड़ लग गई और हंगामा किया।
मुजफ्फरनगर के रतनपुरी क्षेत्र के ग्राम फुलत के प्रसिद्ध मदरसे के प्रबंधक मौलाना कलीम का अचानक कई घंटे से मोबाइल फोन बंद होने और उनकी कोई लोकेशन नहीं मिलने से हड़कंप मच गया। उनके साथ चार लोग और भी थे। किसी की भी देर रात तक लोकेशन नहीं मिली थी।
मौलाना कलीम के जानकार मौलाना इदरीश का कहना है कि दिल्ली से वह फुलत मदरसे में आने के लिए निकले थे। रास्ते में वह मेरठ में एक निजी निमंत्रण पर पहुंचे थे और वहां से रवाना होने के कुछ देर बाद से उनका मोबाइल फोन बंद है, उनके ड्राइवर का फोन भी बंद है।
लिसाड़ी गेट थाने पर जुटी भीड़
मौलाना कलीम की लोकेशन नहीं मिलने पर थाना लिसाड़ी गेट में काफी लोग पहुंचे और गुमशुदगी की तहरीर दी। उधर, फुलत मदरसे पर भी काफी संख्या में लोग जमा हो गए।
पुलिस जांच में जुटी
मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक यादव का कहना है कि अभी मेरठ से इस तरह की कोई सूचना मुजफ्फरनगर पुलिस को नहीं दी गई है। वहीं, मेरठ के एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा कि इस मामले में जांच जारी है। सर्विलांस टीम को लगा दिया गया है।
सुरक्षा एजेंसियों पर उठाने का शक
मंगलवार देर रात मेरठ के लिसाड़ीगेट थाने में हंगामे की स्थिति बनी रही। जहां भीड़ थाने पहुंची और हंगामा करती रही। पुलिस ने किसी तरह लोगों को समझाकर शांत कराया। फुलत के मौलाना कलीम सिदृीकी का इस्लामिक विद्वानों में नाम है। वह फुलत के मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया के निदेशक भी हैं। वह 7 सितंबर को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे।