उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीगोपाल नारसन ने बताया कि रुड़की साकेत निवासी शिवांग मित्तल ने 26 अक्तूबर 2020 को शाम साढ़े आठ बजे डोमिनोज पिज्जा कंपनी को ऑनलाइन पिज्जा टाको व चोको लावा केक के लिए आर्डर किया था। कर्मचारी शाकाहारी की जगह मांसाहारी पिज्जा दे गया।
शाकाहारी पिज्जा के ऑर्डर पर मांसाहारी पिज्जा डिलीवर करना एक कंपनी को महंगा पड़ गया है। एक मामले में जिला उपभोक्ता आयोग ने इसे कंपनी की घोर लापरवाही और उपभोक्ता सेवा में कमी मानते हुए 9,65,918 रुपये का जुर्माना लगाया है। सुनवाई के दौरान पीड़ित उपभोक्ता ने बताया था कि वह और उनका परिवार पूर्णतः शाकाहारी है। ऐसे में मांसाहारी पिज्जा पहुंचने के बाद उन्हें उल्टियां हो गईं और तबीयत बिगड़ गई।
उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीगोपाल नारसन ने बताया कि रुड़की साकेत निवासी शिवांग मित्तल ने 26 अक्तूबर 2020 को शाम साढ़े आठ बजे डोमिनोज पिज्जा कंपनी को ऑनलाइन पिज्जा टाको व चोको लावा केक के लिए आर्डर किया था। डोमिनोज पिज्जा का कर्मचारी एक पैकेट में पिज्जा घर पर लाया और शाकाहारी पिज्जा की कीमत 918 रुपये प्राप्त की।
उपभोक्ता ने पैकेट खोला तो पता चला कि वह मांसाहारी पिज्जा था, जिससे उपभोक्ता शिवांग मित्तल को उल्टियां लग गईं और उनकी हालत खराब हो गई। चूंकि उपभोक्ता व उनका पूरा परिवार ही पूर्णतः शाकाहारी है। इसलिए उनके मन और स्वास्थ्य पर इसका बहुत बुरा असर पड़ा। पीड़ित उपभोक्ता ने पिज्जा कंपनी के खिलाफ थाना गंगनहर, रुड़की में भी शिकायत की। कोई कार्रवाई न होने पर उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया गया।
उपभोक्ता सेवा में घोर लापरवाही का मामला
जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष कंवर सैन, सदस्य अंजना चड्ढा व विपिन कुमार ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पाया कि पिज्जा कंपनी द्वारा शाकाहारी पिज्जा आर्डर करने पर भी मांसाहारी पिज्जा भेज दिया गया, जो उपभोक्ता सेवा में घोर लापरवाही है।
उपभोक्ता आयोग ने अपने फैसले में पिज्जा कंपनी को आदेश दिया है कि वह एक माह के अंदर उपभोक्ता को पिज्जा की कीमत 918 रुपये मय 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ ही मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति के रूप में साढ़े चार लाख रुपये व विशेष हर्जे के रूप में अंकन पांच लाख रुपए यानि कुल 9,65,918 रुपये का भुगतान करे।