भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (DRDO) ने मिसाइलों का टारगेट बनने वाले यान ‘अभ्यास’ का छह बार लगातार परीक्षण किया. पिछले एक साल में इस यान के 10 डेवलपमेंटल उड़ानें हो चुकी हैं. इन टेस्टिंग में परीक्षण उन्नत रडार क्रॉस सेक्शन, विजुअल और इन्फ्रारेड वृद्धि प्रणालियों की जांच की गई.
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने आज एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। DRDO ने हवा से सतह पर मार करने वाली एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम-2 का सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल का परीक्षण वायु सेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30 से आज ओडिशा के तट पर किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस सफलता पर DRDO को बधाई दी है।
HEAT-अभ्यास का उपयोग विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन हेतु हवाई लक्ष्य के रूप में होता है. टेस्ट में इस विमान की निगरानी टेलीमेट्री, रडार एवं इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम सहित विभिन्न ट्रैकिंग सेंसर की जांच की गई, इस विमान के सारे हिस्सों ने तय लक्ष्य हासिल किए. वर्तमान उड़ान परीक्षण विकासात्मक उड़ान परीक्षणों के अंतर्गत की गई है. यह स्वदेशी लक्ष्य विमान एक बार विकसित होने के बाद भारतीय सशस्त्र बलों के लिए HEAT की जरूरतों को पूरा करेगा.
परीक्षण की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट की है। इस पोस्ट में डीआरडीओ ने लिखा है कि उड़ान परीक्षण में टेस्ट के सभी उद्देश्य पूरे कर लिए गए। टेस्ट में प्रोपल्शन सिस्टम, कंट्रोल और गाइडेंस एल्गोरिदम की पुष्टि हुई। इसकी सभी उड़ानें पूरी तरह से ऑटोमैटिक होती हैं. इसकी सटीकता और प्रभावशीलता को देखते हुए इसे फ़ोर्स मल्टीप्लायर करार दिया.180 मीटर प्रति सेकेंड की गति उड़ान भरता है. यानी एक सेकेंड में इतनी दूरी तय कर लेता है. यह अधिकतम 5 किलोमीटर की ऊंचाई हासिल कर लेता है. इसकी लगातार उड़ान होती रहती है. ताकि मिसाइलों की टेस्टिंग की जा सके. इसका इस्तेमाल एंटी-एयरक्राफ्ट वारफेयर प्रैक्टिस, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, जैमर प्लेटफॉर्म, डिकॉय, पोस्ट लॉन्च रिकवरी मोड जैसे मिशन में होता है.
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि रूद्रम-2 मिसाइल के उड़ान परीक्षण ने सभी परीक्षण उद्देश्यों को पूरा कर लिया है। भारत ने ओडिशा सतह से भारतीय वायुसेना के सुखोई -30 लड़ाकू विमान से हवा से सतह पर मार करनेवाली रुद्रम-2 मिसाइल का बुधवार को सफल परीक्षण किया। बयान में कहा गया, ‘डीआरडीओ ने 29 मई को सुबह साढ़े 11 बजे ओडिशा के तट पर भारतीय वायुसेना के सुखोई-30 एमके-1 प्लेटफॉर्म से हवा से सतह पर मार करनेवाली रूद्रम-2 मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। रिपोर्ट:- अमित कुमार सिन्हा
