दुनिया की सबसे बड़ी टेरर फंडिंग पर नज़र रखने वाली संस्था FATF (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में एक चौंकाने वाली सच्चाई सामने रखी है। उन्होंने बताया है कि अब आतंकवादी भी टेक्नोलॉजी और डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने लगे हैं—वो भी हमले की तैयारी और फंडिंग के लिए।
रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकी ई-कॉमर्स वेबसाइटों और ऑनलाइन पेमेंट ऐप्स का इस्तेमाल सिर्फ पैसों के लेन-देन के लिए नहीं कर रहे, बल्कि अब वे इनके ज़रिए विस्फोटक और हथियार तक खरीद रहे हैं। और ये कोई दूर-दराज़ की बात नहीं—FATF ने भारत के पुलवामा हमले और गोरखनाथ मंदिर हमले को भी इस रिपोर्ट में शामिल किया है।
आपको याद होगा—फरवरी 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। उस हमले में इस्तेमाल हुआ एल्यूमिनियम पाउडर ऑनलाइन अमेज़न से खरीदा गया था। उस पाउडर का इस्तेमाल IED (इम्प्रोवाइज़्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) को और ज्यादा खतरनाक बनाने में किया गया।
सोचिए, जो प्लेटफॉर्म हम रोज़मर्रा की खरीदारी के लिए इस्तेमाल करते हैं, वो अब आतंकवादियों के लिए भी एक हथियार बनता जा रहा है। FATF ने साफ चेतावनी दी है कि अगर समय रहते इस डिजिटल दुरुपयोग पर रोक नहीं लगी, तो आने वाले वक्त में यह एक अदृश्य और बेहद खतरनाक चुनौती बन सकता है।
अब ज़रूरत है सजग रहने की — सिर्फ सरकार या एजेंसियों के नहीं, हम सबकी। क्योंकि जब आतंक घर बैठे हथियार जुटाने लगे, तो खतरा दरवाज़े तक आ चुका होता है।