कंगना की फिल्म इमरजेंसी को लेकर सिख समुदाय सड़कों पर,, फिल्म हिंदू-मुस्लिम और सिखों को लड़ाने के लिए …

कंगना रनोट की अपकमिंग फिल्म इमरजेंसी के खिलाफ रविवार को मुंबई के 4 बंगला स्थित गुरुद्वारे के बाहर सिख समुदाय ने प्रदर्शन किया। सिख समुदाय का आरोप है कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। सिख समुदाय ने मांग की है कि फिल्म पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए और कंगना के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाए।

कंगना को मांगनी चाहिए माफी,,

प्रदर्शनकारियों की अगुआई करने वाले जसपाल सिंह सूरी ने कहा, ‘कंगना को हर जगह जाकर माफी मांगनी चाहिए। उसने खालसा पंथ को आतंकवादी बोला है। उन किसानों को आतंकवादी बोला है, जो अपने हक के लिए अनशन पर बैठे हुए थे। अगर वह ऐसा नहीं करती है तो उसके आने वाले दिन बहुत खराब होंगे। इसका अंजाम बहुत बुरा होगा।


सिख समुदाय के लोगों का दावा- मुंबई में फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे


हजारों सिखों ने 4 बंगला गुरुद्वारे के बाहर इकट्ठा होकर फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कंगना रनोट के पोस्टर्स पर चप्पल मारी और फिल्म के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। सिख समुदाय के लोगों का कहना है कि वे किसी भी सूरत में इस फिल्म को मुंबई के सिनेमाघरों में रिलीज नहीं होने देंगे।

उनका दावा है कि अगर प्रशासन ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो वे इसके खिलाफ बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।

फिल्म पर सिख समुदाय की छवि को धूमिल करने का आरोप
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि फिल्म इमरजेंसी में सिखों के इतिहास से जुड़े कुछ संवेदनशील मुद्दों को गलत तरीके से दिखाया गया है। इससे सिख धर्म और समुदाय की छवि धूमिल हुई है। वे अपने धर्म और इतिहास की गरिमा से समझौता नहीं करेंगे और किसी भी प्रकार की गलत बयानबाजी के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे।


फिल्म इमरजेंसी की रिलीज पर रोक


फिल्म इमरजेंसी पहले 6 सितंबर को रिलीज होने वाली थी, लेकिन अब इसकी रिलीज रोक दी गई है। कंगना ने X हैंडल पर वीडियो शेयर कर हुए कहा, ‘फिल्म इमरजेंसी की रिलीज पर रोक लगा दी गई है। CBFC (सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन) ने फिल्म को क्लियर कर दिया था, लेकिन बाद में सर्टिफिकेशन पर रोक लगा दी।

ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि जान से मारने की बहुत ज्यादा धमकियां आ रही हैं। सेंसर बोर्ड वालों को भी धमकियां मिल रही हैं। हम पर यह प्रेशर है कि इंदिरा गांधी की हत्या न दिखाएं, भिंडरांवाले को न दिखाएं, पंजाब दंगे न दिखाएं। मुझे नहीं पता कि फिर क्या दिखाएं।

पता नहीं क्या हुआ कि अचानक से फिल्म को ब्लैक आउट कर दिया गया। इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। देश में जो हालात हैं, उसे देखकर मुझे बहुत बुरा लग रहा है।’

उसने यह फिल्म हिंदू, मुस्लिमों और सिखों को आपस में लड़ाने के लिए बनाई है। अगर यह फिल्म रिलीज हुई तो जगह-जगह पर दंगे होंगे, कत्लेआम होंगे। यह जूते खाने की हरकत है और वह (कंगना) जूते खाएगी।’

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