दिल्ली विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ और ओवैसी जैसे नेताओ की एंट्री हो चुकी है स्वभाविक है की इन नेताओ की एंट्री से राजनैतिक पारा जरूर हाई होगा, दोनों ही नेताओ की पहचान अपने स्पश्ट विचारो और मजबुत भाषण शैली के लिए पहचाने जाते है। जो अक्सर धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दा पर केंद्रित रहती है।
योगी आदित्यनाथ….
इनकी छवि हिंदुत्व के चेहरे के रूप में है इनके भाषण अक्सर हिन्दू वोट बैंक को साधने के लिए केंद्रित रहते है,अब इनकी इंट्री दिल्ली विधानसभा चुनाव में हुई है यानि इसका सीधा मतलब है, हिन्दू वोट बैंक को मजबुत करना।
धार्मिक ध्रुवीकरण का खेल हमेशा चुनावी रणनीति का हिस्सा रहा है, लेकिन यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जनता इन नेताओं की बातों को कैसे लेती है। क्या वे विकास को प्राथमिकता देंगे, या धर्म के आधार पर अपना पक्ष तय करेंगे?