अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 10 मई 2025 को घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान ने एक “पूर्ण और तत्काल युद्धविराम” पर सहमति जताई है। यह समझौता अमेरिकी मध्यस्थता में हुई लंबी वार्ता के बाद हुआ। ट्रंप ने दोनों देशों को “सामान्य समझ और महान बुद्धिमत्ता” का परिचय देने के लिए सराहा और इस सकारात्मक परिणाम पर संतोष व्यक्त किया।
यह युद्धविराम उस समय घोषित किया गया जब दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर था। भारत ने 22 अप्रैल को कश्मीर में भारतीय पर्यटकों पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत मिसाइल हमले किए थे। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी सैन्य कार्रवाई की और दोनों देशों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिससे दर्जनों नागरिकों की मौत हुई और कई अन्य घायल हुए। इस संघर्ष ने दोनों देशों के हवाई क्षेत्र को बंद करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर विस्थापन को जन्म दिया।
ट्रंप ने कहा कि यह समझौता “सामान्य समझ और महान बुद्धिमत्ता” का परिणाम है। हालांकि, कश्मीर घाटी के नेताओं ने इस पर संदेह जताया है और कहा है कि यह विवाद भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय वार्ता से ही हल हो सकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कश्मीरियों को इस प्रक्रिया में शामिल किया जाना चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस संघर्ष के बढ़ते जोखिम को देखते हुए संयम और वार्ता की अपील की थी। भारत और पाकिस्तान दोनों ने एक-दूसरे पर हमले की शुरुआत करने का आरोप लगाया था, जबकि पाकिस्तान ने अपनी कार्रवाई को प्रतिशोधी और संयुक्त राष्ट्र के प्रोटोकॉल के तहत बताया था। इस संघर्ष ने क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरे की ओर इशारा किया था।
यह युद्धविराम दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने और संभावित सैन्य संघर्ष को टालने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, इस पर दोनों देशों के आधिकारिक बयान और संयुक्त घोषणाओं का अभाव है, जिससे इसकी स्थिरता और प्रभावशीलता पर सवाल उठते हैं।