देवेंद्र फडणवीस का दावा-2-साल पहले’NCP हम से हाथ मिलाना चाहती थी- लेकिन….

  • महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि NCP दो साल पहले बीजेपी से हाथ मिलना चाहती थी
  • कोरोना महामारी को लेकर महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पर देवेंद्र फडणवीस ने जमकर हमला बोला
  • मुख्य विपक्षी पार्टी के नाते बीजेपी शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा सरकार की कमियों की ओर इशारा कर रही: फडणवीस

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने दावा किया है कि एनसीपी दो साल पहले बीजेपी से हाथ मिलना चाहती थी। इस सबंध में बैठकें भी हुई थी, लेकिन वरिष्ठ नेताओं ने साफ कर दिया था कि बीजेपी, शिवसेना की सहमति के बिना ऐसा नहीं कर सकती।

मुंबई। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा चुनाव बाद राकांपा की भूमिका को लेकर बड़ा खुलासा किया है। फडणवीस ने कहा कि शिवसेना के साथ नहीं आने के बाद भाजपा को सरकार बनाने के लिए सीधे राकांपा प्रमुख शरद पवार से ऑफर मिला था, लेकिन बाद में पवार ने अपनी भूमिका बदल ली।

 उन्होंने कहा कि पवार का भूमिका बदलना राकांपा के वरिष्ठ नेता तथा वर्तमान उपमुख्यमंत्री अजित पवार को मंजूर नहीं था। इसलिए अजित सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ आए। अजित के साथ मिलकर सरकार बनाने के शिल्पकार भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह थे। फडणवीस ने यह भी खुलासा किया कि दो साल पहले भाजपा और राकांपा साथ आने वाली थी।

लेकिन राकांपा उस गठबंधन में शिवसेना को नहीं चाहती थी इसलिए बात नहीं बन पाई। 

कहाः अजित को रास नहीं आया था पवार का पाला बदलना 

मंगलवार को एक साक्षात्कार में फडणवीस ने कहा कि जब हमें समझ में आ गया कि शिवसेना सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ नहीं आएगी। तब भाजपा ने विकल्पों पर विचार शुरू कर दिया। एक विकल्प में सीधे राकांपा से सरकार बनाने एक लिए ऑफर था। इस बारे में उचित चर्चा भी हुई थी। लेकिन बाद में राकांपा प्रमुख ने अपनी भूमिका बदल ली। इससे भाजपा किनारे हो गई। इसके बाद हम लोग दो-तीन दिन चुप बैठ थे।

हमने सोच लिया था कि अब हम सरकार नहीं बना पाएंगे। फिर तीन-चार दिन बाद अजित से चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि मुझे पवार साहब की भूमिका मान्य नहीं है। राज्य में स्थिर सरकार भाजपा और राकांपा ही दे सकती है। यदि अब पवार साहब अपनी बात बदल रहे हैं तो शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की तीन दलों की सरकार नहीं चल पाएगी। प्रदेश का नुकसान होगा। इसलिए मैं आपके साथ सरकार बनाने के लिए तैयार हूं। 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बिगाड़ा काम

फडणवीस ने कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट का फैसला भाजपा के खिलाफ नहीं गया होता, तो अजित के साथ मिलकर बनाई गई सरकार शत प्रतिशत टिकी होती। फडणवीस ने कहा कि आज जब मैं पीछे मुडकर देखता हूं तो लगता है कि अजित पवार के साथ सरकार बनाने का फैसला गलती थी। यदि सरकार नहीं बनाता तो भी चल जाता। लेकिन उस समय ऐसा नहीं लगा था। 

सभी देख रहे हैं कि सरकार कैसे चल रही: फडणवीस 
फडणवीस ने कहा कि अभी यह जरूरी है कि इन कमियों को कैसे दूर किया जाए और कैसे सरकार के समक्ष इसे उठाया जाए, जो हम कर रहे हैं।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में कोई नया राजनीतिक समीकरण नहीं बन रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई नया समीकरण नहीं है। सरकार को बदलना या गिराना हमारे एजेंडे में नहीं है…सभी देख रहे हैं कि सरकार कैसे चल रही है और मुझे अलग से देखने की जरूरत नहीं है। 

शिवसेना के साथ के चलते नहीं मिलाया था एनसीपी से हाथ 
मराठी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू के संबंध में पूछे गए सवाल पर फडणवीस ने कहा कि एनसीपी दो साल पहले बीजेपी के साथ हाथ मिलाना चाहती थी जब मैं मुख्यमंत्री था। उन्होंने कहा कि वह दो साल पहले हमारे साथ आना चाहते थे। इस सबंध में बैठकें भी हुई थी,

लेकिन हमारे वरिष्ठ नेताओं ने स्पष्ट कर दिया था कि बीजेपी, शिवसेना की सहमति के बिना ऐसा नहीं कर सकती है। फडणवीस ने दावा किया कि उन्होंने (बीजेपी नेताओं ने) कहा कि हम कांग्रेस को अलग-थलग करना चाहते हैं, लेकिन हम शिवसेना का भी साथ चाहते हैं।

अगर वे इसके लिए तैयार हैं तो हम (एनसीपी के प्रस्ताव) आगे बढ़ने को तैयार हैं। चूंकि हमारे वरिष्ठ नेताओं का यह रुख था, बात काफी आगे बढ़ने के बावजूद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। 

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