रजिस्ट्री आफिस में भूमि रिकॉर्ड से छेड़ छाड़ या नगर निगम में रिकॉर्ड का चोरी हो जाना, आफिस के ताले टूट जाना या फिर क्लासीफाइड इंफॉर्मेशन निकल जाना, डाटा की चोरी हो जाना, जांच होने पर रिकॉर्ड्स में आग लग जाना, यह सब भ्रष्टाचार प्रबंधन का एक हिस्सा हैं जो इस सिस्टम में पूरी तरह से विद्यमान हैं।
बगैर संबधित विभाग की मिलीभगत न कोई भू माफिया सरकारी दस्तावेजों तक पहुंच सकता है ना ही दस्तावेजों को बदला जा सकता है। ना ही दफ्तरों के ताले टूट सकते हैं ना ही आफिस से रिकॉर्ड चोरी हो सकता है। यह तो घर का भेदी ही लंका को ढहाता है। चोर अंदर का लालच है जिसमे सब बराबर के भागीदार है कोई किसी रूप कोई किसी रूप में । मगरसब को अरबपति बनना हैं। भूमाफिया अंदर ही मौजूद हैं उनकी शराकत से ही भूमाफिया गिरी पनपती है। अगर अवेध प्लाटिंग होती है तो भी अंदर की हिस्सेदारी। अगर अवेध निर्माण होता है तो भी अंदर की हिस्सेदारी। एक बार इस निजी हिस्सेदारी की भी जांच पड़ताल कर ली जाए तो बेहतर हैं कि इस खेल के जरिए धन कुबेरों में कोनसा पायदान हासिल किया।
आज अगर देखे तो यही खेल सारे कर रहे हैं पहले नई नई योजना लाकर डाटा इक्ट्ठा किया जाता है और फिर दूसरी कंपनीज को बेच दिया जाता है। डिजिटलीकरण से भी डाटा सुरक्षित हो गया यह दावा आज तो नही किया जा सकता। हैकर्स तमाम सरकारी डाटा को चोरी कर लेते हैं और ब्लैकमेल करते हैं। आपका बैंक में पैसा भी सुरक्षित नहीं। सड़क पर, घर पर आपकी जान, मॉल, इज्जत आबरू सुरक्षित नही।
यह सब हो रहा हैं और हम देख रहे हैं। पुलिस मुस्तैद है अपना काम लगन से कर रही है कभी कभी चोबीस घंटे काम करना पड़ता है तब जाकर दोषियों का पता लगता है मगर अपराध है की रुकने का नाम नहीं ले रहा है। लालच ही इतना बढ़ गया है कि गलत गलत दिखाई नही देता रोज रोज नई नई तकनीक ईजाद की जा रही हैं। आने वाला वक्त ऑर्गेनाइज्ड अपराधो का दौर बनने जा रहा हैं जो टेक्नोलॉजी के जरिए चलाया जाएगा इसकी रोकथाम आज से ही जरूरी हैं।
इस समय पूरा विश्व पूंजीवाद की अंधी दौड़ में हैं ज्यादा से ज्यादा दौलत इकठ्ठा करना इंसानों का ध्येय बन गया ही चाहे वह किसी भी तरह मिले बस यही सब हो रहा हैं कि खौफ ए खुदा खत्म हो गया और दुनिया के मॉल की हवस बढ़ती जा रही हैं। अध्यात्म वाले भारत को, खुदा से डरने वाले भारत को, इस तरक्की वाले फरेब का सही तरीके से समझ कर इसका सही इस्तेमाल करना हैं। और भ्रष्टाचार मुक्त होना है।
हमारा उत्तराखंड एक छोटा मगर प्रगतिशील राज्य हैं अगर हमारी सरकार इसको भ्रष्टाचार की दीमक से बचा ले तो वास्तव में उन्नत प्रदेश बन सकता हैं।