Join WhatsApp Group Join WhatsApp Group

Delhi: किसान आंदोलन के चलते बाजारों में भारी गिरावट- व्यापारियों को उठाना पड़ रहा है भारी नुकसान…

किसान आंदोलन की वजह से दिल्ली की आवक पर असर पड़ा है, तो वहीं दिल्ली का कारोबार भी फिर से बेपटरी हो गया है। आलम यह है कि राजधानी को बाहरी राज्यों से जोड़ने वाली सीमाओं के बंद होने से दिल्ली में कई बाजारों का व्यापार 60 फीसदी तक गिर गया है।

कश्मीरी गेट :
दिल्ली के तीसरे सबसे बड़े और देश में ऑटो स्पेयर पार्ट्स के प्रमुख बाजार कश्मीरी गेट में किसान आंदोलन का व्यापक असर पड़ा है। कोरोना से बचाव के तहत घोषित बंदी खुलने के बाद यह बाजार पंजाब, हरियाणा के ग्राहकों से पटरी पर लौटा था, लेकिन किसान आंदोलन के चलते ग्राहक बाजार में नहीं पहुंच पा रहे। ऐसे में बाजार के कारोबार में 50 फीसदी तक की गिरावट है।

कश्मीर गेट ऑटो स्पेयर पार्ट्स टेड्रर्स एसोसिएशन उपमा के महासचिव विनय नारंग के मुताबिक, आंदोलन के चलते इन चार राज्यों के ग्राहक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ये नकद कारोबार करते थे। इससे कारोबार में नकदी भी बनी रहती थी, लेकिन आंदोलन की वजह से कारोबार 50 फीसदी तक कम हो गया है।

सदर बाजार :
एशिया के सबसे बड़े थोक बाजारों में शुमार सदर बाजार में आंदोलन का व्यापक असर पड़ा है। कारोबार पूरी तरह से बेपटरी हो गया है। मांग 60 फीसदी तक प्रभावित हुई है। फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश यादव के मुताबिक, आंदोलन की वजह से हरियाणा, पंजाब की सड़कें बंद हैं।

यहां से आने वाले ग्राहक नहीं पहुंच रहे हैं। बाजार में केवल दिल्ली, यूपी के ग्राहक पहुंच पा रहे हैं। अगर सड़क बंद भी होती और ट्रेन खुली होती तो आंदोलन का असर कारोबार पर नहीं पड़ता।

गांधी नगर :
किसान आंदोलन का असर कपड़े के कारोबार पर भी पड़ा है। देश में गारमेंटस के सबसे बड़े थोक बाजारों में शुमार गांधी नगर भी इससे प्रभावित है। गांधी नगर रेडिमेड गारमेंट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष केके बल्ली के मुताबिक, आंदोलन की वजह से दिल्ली में हौजरी नहीं आ पा रही।

वहीं रेडिमेंट गारमेंट यहां से नहीं भेजे जा पा रहे हैं। बल्ली बताते हैं कि लुधियाना से बड़े मात्रा में हौजरी आती है। दिल्ली से बड़ी मात्रा में रेडिमेड गारमेंट पंजाब, हरियाणा में भेजे जाते हैं, लेकिन किसान आंदोलन की वजह से यह ठप पड़ा है। पहले जो ट्रक दूसरे रास्तों से आ रहे थे, वह अब नहीं आ पा रहे हैं। संभावित खतरों को देखते हुए न तो कोई माल मंगा रहा है और न भेज रहा है।

Share
Now