दिल्ली-दून एक्सप्रेस वे बना सैनिक तैयारी की नई रीढ़”भले ही लड़ाकू विमान न उतरें, पर सेना की फ़ुर्ती का रास्ता अब तैयार।

गंगा एक्सप्रेसवे पर गरजे जहाज़, देहरादून भी अब बन रहा है सुरक्षा का मज़बूत पड़ाव।
रिपोर्ट: अभिजीत शर्मा, विशेष संवाददाता, देहरादून
आज जब गंगा एक्सप्रेसवे मार्ग पर भारतीय वायुसेना के मिग और सुखोई जैसे लड़ाकू विमान आसमान चीरते हुए गरजे और धरती को छूकर फिर उड़ चले, तो ये सिर्फ़ अभ्यास नहीं था, ये था एक पैग़ाम — कि भारत हर मोर्चे पर चौकस है।
शाहजहाँपुर से निकली ये गरज देश भर में गूँज रही है। इसी बहाने एक बार फिर सवाल उठा है — क्या देहरादून से दिल्ली को जोड़ने वाला नया तीव्रगामी मार्ग भी ऐसी किसी स्थिति में देश की ढाल बन सकता है?
दिल्ली-दून एक्सप्रेसवे: आम लोगों की सुविधा, सेना की मज़बूती
यह तीव्रगामी मार्ग, जो जल्द ही जनता के लिए खोल दिया जाएगा, भले ही लड़ाकू विमानों की उतरने-उड़ने की ज़रूरतों पर खरा न उतरे, लेकिन यह बात बिलकुल साफ़ है — संकट की घड़ी में यह सड़क सेना की सबसे बड़ी ताक़त बन सकती है।
सेना सूत्रों के मुताबिक़, सहारनपुर और देहरादून को जोड़ने वाली यह तेज़ रफ्तार सड़क फौज के वाहनों, साजो-सामान और राहत दस्तों की आवाजाही के लिए पूरी तरह तैयार है।
हिफाज़त का नया रास्ता
देश की सुरक्षा अब सिर्फ़ सीमाओं तक सीमित नहीं रही। जब ज़रूरत पड़े, तब इसी एक्सप्रेसवे से देहरादून और आसपास के इलाक़ों तक सैनिकों की तैनाती कुछ ही घण्टों में की जा सकती है। कोई भी आपात स्थिति हो — युद्ध, प्राकृतिक आपदा या आतंकी संकट — यह मार्ग सेना की रीढ़ बन सकता है।
आख़िर में एक साफ़ संकेत
भारत अब केवल सीमाओं पर नहीं, अपने हर रास्ते पर सतर्क है। दिल्ली-दून एक्सप्रेसवे इस नई रणनीति का गवाह बन रहा है — और अगर कभी ज़रूरत पड़ी, तो देहरादून भी पीछे नहीं हटेगा।
देहरादून से — अभिजीत शर्मा, विशेष संवाददाता,

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