कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को प्रभावित कर रखा है। दुनियाभर में अब तक लाखों करोड़ो लोगों की मौत इस जान लेवा बीमारी से हो चुकी है। अब दुनियाभर के वैज्ञानिक इस बीमारी का तोड़ निकालने की कोशिस में लगी हुयी है । पूरी दुनिया में लगभग 100 से ज्यादा कंपनियां कोरोना की वैक्सीन तैयार करने में जुटी हुई हैं और उनमें से 19 कंपनिया तीसरे लेवल के ट्रायल तक भी पहुंच चुकी है।
भारत में भी कोरोना संक्रमण तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। भारत में दो वैक्सीन पर ट्रायल चल रहा है। ये ट्रायल बंदर और खरगोशों पर सफल रहा है और अब इसका ट्रायल इंसानों पर भी शुरू हो चुका है। अगर सब कुछ सही रहा तो इस साल के अंत तक या फिर 2021 के शुरूआत में ही कोरोना वैक्सीन आ सकती है लेकिन उससे भी पहले विश्व की दो अग्रिणी कंपनियां बिल्कुल फाइनल स्टेज में कदम रख चुकी हैं।
ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोविड-19 वैक्सीन का पहला ह्यूमन ट्रायल सफल हो गया है। ब्राजील में किए गए ह्यूमन ट्रायल के बेहतरीन नतीजे आए हैं। ट्रायल में शामिल किए गए वॉलंटियर्स में वैक्सीन से वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित हुई है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक वैक्सीन ChAdOx1 nCoV-19 (AZD1222) के पूरी तरह सफल होने को लेकर आश्वस्त हैं। साथ ही उन्हें भरोसा है कि सितंबर 2020 तक ये वैक्सीन लोगों को उपलब्ध करा दी जाएगी। इस वैक्सीन का उत्पादन AstraZeneca करेगी। वहीं, भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) भी इस परियोजना में शामिल है।
कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों के लिए भारत बायोटेक कंपनी नाक के जरिये ली जाने वाली एक विशेष वैक्सीन विकसित कर रही है। यूनिवर्सिटी आफ विस्कांसिन मैडीसन और वैक्सीन निर्माता कंपनी फ्लूजेन के वायरोलाजिस्ट ने भारत बायोटेक के साथ मिलकर कोविड-19 के खिलाफ कोरोफ्लू (CoroFlu) नामक इस वैक्सीन को विकसित करने के लिए परीक्षण शुरू कर दिये हैं।