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G20 समिट में अमेरिका की मेजबानी को लेकर विवाद ! चीन ने खुलकर किया विरोध एक दूसरे के खिलाफ आरोप…..

भारत जी20-2023 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है तो वहीं अलगे जी20-2024 शिखर सम्मलेन की मेजबानी ब्राजील करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने भी जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी को लेकर घोषणा की थी, जिस पर चीन ने आपत्ति जाहिर की है।

चीन ने इसलिए जताई आपत्ति
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जो बाइडन प्रशासन ने पहले ही घोषणा कर दिया था कि वह 2026 में जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। बता दें, हर वर्ष जी20 की मेजबानी सदस्य देश आपस में बदलते रहते हैं। बाइडन प्रशासन की घोषणा को लेकर रूस समर्थित चीनी अधिकारी का कहना है कि बाइडन प्रशासन के निर्णय को पलट दिया जाए, इसकी संभावना कम ही है। चीन की अमेरिका द्वारा जी20 की अध्यक्षता पर आपत्ति जताई है, जिसका कारण है ताइवान। अमेरिका और ताइवान की बढ़ती नजदीकियां और तकनीकों के निर्यात से चीन खलबलया हुआ है।

चीन के लिए दुर्भाग्यपूर्ण
नई दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने बताया कि भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के बाद अमेरिका ने शिखर सम्मेलन के मेजबानी की पेशकश की है। जी20 की सफलता के लिए मैं और अमेरिका पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हैं। अगर चीन इसमें शामिल नहीं होता तो यह सदस्यों देशों से कहीं अधिक चीन के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा।

2026 से शुरू होगी रोटेशन
रिपोर्ट के अनुसार, जी20-2024 शिखर सम्मलेन की मेजबानी ब्राजील करेगा। इसके बाद जी 20 की अध्यक्षता दक्षिण अफ्रीका को दी जाएगी। 2025 के बाद सभी सदस्य देश कम से कम एक बार तो जी-20 की अध्यक्षता कर चुके होंगे, जिसके बाद 2026 से रोटेशन शुरू हो जाएगी। अमेरिका ने 2008 में पहली बार जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी। जी20 को कई क्षेत्रीय उप समूहों में बांटा गया है, जो तय करते है कि शिखर सम्मेलन की मेजबानी कौन करेगा। अमेरिका के साथ कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और सऊदी अरब एक समूह का हिस्सा हैं तो वहीं भारत रूस, तुर्किये और दक्षिण अफ्रीका के साथ दूसरे उप-समूह में शामिल है।

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