12 बच्चों के इलाज पर खर्च तीन करोड़ 12 लाख रुपया कमाल की है यह…..

लाखों के आधुनिक उपकरण, चिकित्सक सहित 21 स्टाफ और अब तक चार साल में सिर्फ 12 बच्चों का ही इलाज। यही नहीं चिकित्सक व कर्मियों के वेतन पर ही नजर डाली जाए तो 12 बच्चों के इलाज पर अब तक 3 करोड़ 12 लाख रुपए खर्च हो गए। इस प्रकार एक बच्चे के इलाज में लगभग 26 लाख रुपए का खर्चा पड़ रहा है।

चौंकिए नहीं, चर्चा गोंडा जिला अस्पताल परिसर में स्थापित बाल सघन चिकित्सा इकाई (पीकू वार्ड) की हो रही है। जापानी इंसेफ्लाइटिस से पीड़ित बच्चों के सफल इलाज के लिए पीकू वार्ड की स्थापना की गई थी। वर्ष 2018 में एक बाल रोग विशेषज्ञ समेत 21 स्टाफ की तैनाती की गई। तैनाती के तीन साल तक जेई से पीड़ित बच्चे का इलाज किए ही वेतन लेता रहा। दिखावे के लिए अस्पताल प्रशासन इन स्टाफों की ड्यूटी इधर-उधर लगाता रहा।

तीन साल बाद सितम्बर 2021 में शुरू हुआ संचालन : पीकू वार्ड का संचालन चुनाव से पहले सितम्बर 2021 में चालू किया गया। संचालन के बाद अब तक छह माह में मात्र एक दर्जन बच्चों का इलाज पीकू वार्ड में किया गया।

चौंकिए नहीं, चर्चा गोंडा जिला अस्पताल परिसर में स्थापित बाल सघन चिकित्सा इकाई (पीकू वार्ड) की हो रही है। जापानी इंसेफ्लाइटिस से पीड़ित बच्चों के सफल इलाज के लिए पीकू वार्ड की स्थापना की गई थी। वर्ष 2018 में एक बाल रोग विशेषज्ञ समेत 21 स्टाफ की तैनाती की गई। तैनाती के तीन साल तक जेई से पीड़ित बच्चे का इलाज किए ही वेतन लेता रहा। दिखावे के लिए अस्पताल प्रशासन इन स्टाफों की ड्यूटी इधर-उधर लगाता रहा।

तीन साल बाद सितम्बर 2021 में शुरू हुआ संचालन : पीकू वार्ड का संचालन चुनाव से पहले सितम्बर 2021 में चालू किया गया। संचालन के बाद अब तक छह माह में मात्र एक दर्जन बच्चों का इलाज पीकू वार्ड में किया गया।

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