कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा बोले सरकार के पास किसानों की मौत का डाटा नहीं है तो मैं देता हूं…..

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा (Deepender Singh Hooda)ने  विरोध-प्रदर्शन  (Farmers Protest) के दौरान किसानों की मौत का कोई डेटा नहीं संबंधी बयान के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.हुड्डा ने कहा कि क्या ये बात सरकार सच्चे और शुद्ध मन से कह रही है? उन्‍होंने कहा, ‘अगर सरकार के पास किसान आंदोलन में जान की कुर्बानी देने वाले करीब 700 किसानों का आंकड़ा नहीं है तो मैं सरकार को ये आंकड़ा देने को तैयार हूं. सरकार सभी दिवंगत किसानों को श्रद्धांजलि दे और किसान परिवारों को मुआवजा व नौकरी दे. ‘

दीपेंद्र ने कहा, ‘इससे ज्‍यादा दुर्भाग्‍यपूर्ण कोई जवाब नहीं हो सकता. सरकार चाहे तो मैं खुद यह लिस्‍ट सरकार को दे सकता हूं. यह लिस्‍ट संयुक्‍त किसान मोर्चा ने भी जारी की है. तमाम प्रदेशों में ऐसे लोग हैं जिन्‍होंने इस लिस्‍ट को लेकर लोगों को मदद पहुंचाने का काम किया है.हरियाणा में हुड्डा साहब के नेतृत्‍व में कांग्रेस विधायी दल ने लोगों को सहायता राशि पहुंचाई है. मैं खुद इन लोगों के घर गया हूं. पंजाब सरकार की ओर से भी ऐसी मदद की गई है. सरकार चाहे तो तमाम प्रदेश सरकारों से यह लिस्‍ट ले सकती है. समस्‍या यह है कि सरकार की इनकी मदद करने की नीयत नहीं है. न तो ये स्‍वीकारना चाहते हैं कि इतने लोगों की जान गई और न ही उनको मान्‍यता देना चाहते हैं लेकिन किसानों की कुर्बानी को हम व्‍यर्थ नहीं जाने देंगे.’  

गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से संसद में कहा गया है कि उसके पास किसान आंदोलनके दौरान मरने वाले किसानों और उनके ख़िलाफ़ दर्ज मामलों की जानकारी नहीं है. ऐसे में किसी को वित्तीय सहायता यानी मुआवजा देने का सवाल ही नहीं उठता है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) में एक सवाल के जवाब में लोकसभा में ये लिखित जवाब दिया.संसद में सवाल पूछा गया था कि क्या सरकार के पास आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों का कोई आंकड़ा है और क्या सरकार उनके परिजनों को वित्तीय सहायता देने की सोच रही है? इसके जवाब में कृषि मंत्री का ये जवाब आया है. मंत्री ने ये सदन को ये भी बताया कि केंद्र सरकार ने किसान नेताओं के साथ 11 राउंड की बातचीत की थी लेकिन बात नहीं बनी.

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