ABG शिपयार्ड फ्रॉड पर बरसी कांग्रेस, 5.35 ट्रिलियन की बैंक धोखाधड़ी पर चुप क्यों हैं मोदी?

कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को दावा किया कि पिछले सात साल में भारत ने ₹ 5.35 ट्रिलियन की बैंक धोखाधड़ी का सामना किया है। इसके अलावा पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से एबीजी शिपयार्ड धोखाधड़ी के खुलासे पर एक बयान की मांग की।

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लव ने सवाल पूछा, प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री अभी भी चुप क्यों हैं? वे अपने बयान के साथ क्यों नहीं आ रहे हैं जब देश ने पिछले साढ़े सात वर्षों में बैंक धोखाधड़ी के 5.35 ट्रिलियन रुपये का सामना किया है? वे अब तक चुप क्यों हैं?” उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक पर भी निशाना साधा और कहा, “एक आदमी (एजीबी शिपयार्ड के निदेशक ऋषि अग्रवाल) ने 23,000 करोड़ रुपये लूटे और देश से गायब हो गया और आरबीआई के पास कहने के लिए कुछ नहीं है?”

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव बल्लव का पीएम मोदी से सवाल

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव बल्लव ने गुरुवार एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह वही कारोबारी ऋषि अग्रवाल हैं जो गुजरात वाइब्रेंट में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का मुख्य अतिथि होता था और मोदी जिसे अपने साथ विदेश यात्राओं पर ले जाते थे। उन्होंने कहा कि ऋषि अग्रवाल के बैंक घोटाले पर उसकी कंपनी एबीजी शिपयार्ड से वसूली के लिए बैंक डी आर टी यानी ऋण वसूली न्यायाधिकरण गया तो ट्रब्यिूनल ने ऋषि अग्रवाल की चल और अचल संपत्ति बेचकर बैंक के 13975 करोड रुपए की वसूली का आदेश दिया।

उन्होंने कहा न्यायाधिकरण ने यह आदेश 27 दिसंबर 2018 को दिया लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि इस मामले में सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया और ऋषि अग्रवाल की कंपनी देश के बैंकों का पैसा लूट कर आम लोगों को चूना लगाती रही। इस मामले में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करने का भी आग्रह किया गया लेकिन इसमें भी सरकार ने कोई तत्परता नहीं दिखाई और पिछले सप्ताह उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

प्रवक्ता ने कहा कि ऋषि अग्रवाल को लेकर तरह तरह की खबरें आ रही हैं जिनमें कभी कहा जा रहा है कि वह सिंगापुर में है, कभी कहा जा रहा है कि वह जर्मनी में है या किसी अन्य देश में है। यह भी खबर आ रही है कि उसके पास कई पासपोर्ट है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस घोटालेबाज को पकड़ कर देश की जनता को न्याय देना चाहिए और श्री मोदी को चुप्पी तोड़कर असली स्थिति देश को बतानी चाहिए।

जानिए क्या है पूरा मामला

बता दें कि 1985 में निगमित एबीजी शिपयार्ड पर 28 बैंकों को ₹22,842 करोड़ की धोखाधड़ी करने का आरोप है जो भारत के इतिहास में सबसे बड़ा बैंक धोखाधड़ी हो सकता है। प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को गुजरात स्थित निजी शिपिंग फर्म और उसके प्रमोटरों के खिलाफ 22,842 करोड़ रुपये के कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया। ईडी का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा एबीजी शिपयार्ड और उसके अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ऋषि अग्रवाल सहित उसके निदेशकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के एक दिन बाद दर्ज किया गया था

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