फायर विभाग के लिए चुनौती, तीन दिनों में दस बार काशीपुर में लगी आग……..

काशीपुर में पिछले तीन दिनों से 10 से ज्यादा आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं। वहीं लगातार बढ़ रही आबादी के बीच फायर से निपटने के इंतजामात नाकाफी साबित हो रहे हैं। ज्‍यादातर हाइड्रेंट खराब होने के कारण फायर बिग्रेड को आग बुझाने में चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। अृमत योजना के अंतर्गत शहर में एक दर्जन हाइड्रेंट लगाए जाने का प्रस्ताव तैयार तो किया गया है लेकिन अभी तक इन्‍हें भी सुचारु नहीं किया जा सका है। जल संस्थान नए हाइड्रेंट को मंजूरी देना तो दूर पुराने को भी ठीक नहीं करा रहा है।

काशीपुर में पिछले साल अक्टूबर में पुरनी सब्जी मंडी इलाके में लगी आग के बाद अग्निकांड से निपटने के इंतजामा कम पड़ गए थे। देर रात लगी घटना में फायर बिग्रेड की गाडि़यां भी बड़ी मुश्किल से घटनास्थल तक पहुंच सकी थी। काशीपुर में पांच जगह नागनाथ मंदिर, पीएम हाउस, आवास विकास, जसपुर बस अड्डे, पंत पार्क में फायर हाइड्रेंट बनाए। लेकिन तीन फायर हाइड्रेंट खराब पड़े हैं। शहर का विस्तार होने पर अग्निशमन विभाग ने जल संस्थान को खराब पड़े हाइड्रेंट को ठीक कराने के साथ दस नए फायर हाइड्रेंट मंडी समिति, एमपी चौक, रामनगर रोड, फायर स्टेशन, चैती चौराहा आदि स्थानों पर बनाए जाने का प्रस्ताव भेजा। लेकिन यह फाइल अभी प्रस्तावों में ही घूम रही है। 

बाजार में अतिक्रमण के बीच कैसे निकलेंगी गाड़ियां 

बाजार का इलाका आग की घटनाओं के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। इन सड़कों पर अतिक्रमण के चलते फायर बिग्रेड की गाडि़यों को निकलने तक की जगह उपलब्ध नहीं है, ऐसे में आने वाले दिनों में फायर सीजन में इस समस्या से निपटना बड़ी चुनौती बनने वाली है। मामले में फायर बिग्रेड ने एडिशन ऑफिस के पास अतिरिक्त सतर्कतता के लिए एक गाड़ी खड़ी करने के लिए जगह मांगी है, जिसपर अभी विचार ही चल रह है। 

शहर में मात्र तीन अस्पतालों के पास फायर एनओसी 

शहर में तकरीबन 70 से ज्यादा अस्पताल संचालित किए जा रहे हैं, लेकिन आप को यह जानकर हैरानी होगी कि शहर में मात्र तीन अस्पतालों को ही फायर से एनओसी प्राप्त है, जबकि अन्य अस्पतालों को फायर विभाग की तरफ से नोटिस जारी कर दिया गया है।

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