जिला अध्यक्ष पद पर फिर से हो सकती है दिलीप पाण्डेय की ताजपोशी ?


आशीष कुमार दुबे
उमरिया( देशबन्धु )भारतीय जनता पार्टी में चल रहे संगठन चुनाव में मंडल अध्यक्षों की ताजपोशी की रश्म पूरी कर जिला अध्यक्ष पद के लिए राय शुमारी का दौर पूरा कर लिया गया है । उमरिया जिले में भी इस पद के लिए राय शुमारी का क्रम पूरा कर जिलाध्यक्ष बनाए जाने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है ,अब घोषणा ही शेष बची है । उमरिया जिले में इस ओहदे के लिए राय शुमारी के वक्त दो दर्जन से अधिक दावेदारों ने दावेदारी पेश कर संगठन चुनाव को न केवल दिलचस्प बना दिया , इस पद पर किसकी ताजपोशी होगी,इस पर भी असंमजस के बादल छा गए हैं , राजनीति के पंडित भी परिदृश्य का आंकलन करने में असहज महसूस कर रहे हैं, फिर भी अगर वर्तमान जिलाध्यक्ष दिलीप पाण्डेय के ऊपर प्रदेश संगठन भरोसा जताते हुए उनकी ताजपोशी कर दें तो आश्चर्य नहीं होगा । बताया जाता है कि पिछले चुनाव में भी दिलीप पाण्डेय की राह अत्यंत कठिन थी, तब उन्हें यह पद बिषम परिस्थितियों में सौंपा गया था । मालूम होवे कि दिलीप पाण्डेय जी विद्यार्थी परिषद से निकल कर आये थे और इनके कार्य काल में विद्यार्थी परिषद ने जो शानदार प्रदर्शन किया था ,उसी के प्रसाद स्वरूप इस पद पर उनकी ताजपोशी की गयी थी ।जब आपने यह कमान संभाली तो राजनैतिक परिस्थितियां इनके अनुकूल नहीं थी, लेकिन इनकी नेक नीयती, ईमानदारी, और सक्रियता ने जो कमाल कर दिखाया , जिससे सब हतप्रभ रह गये । बताया जाता है कि दिलीप पाण्डेय के कार्य काल में सबसे पहले नगरीय निकायों के चुनाव संपन्न हुए, इस चुनाव में जिले के 4 नगरीय निकायों में से 3 में फतह कराने में महती सफलता अर्जित की है । इसके बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी इन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए पहली बार जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर बाजी पलटने में कामयाबी हासिल की है । विधानसभा चुनाव में भी दिलीप पाण्डेय जी का करतब करिश्माई दिखा और सत्ता विरोधी लहर के बाबजूद उन्होंने न सिर्फ चुनाव जीताने में, सफल रहे अपितु जीत का अन्तर अनुमान से बेहतर रहे , यही परिस्थितियां लोकसभा चुनाव में दिखी, जहां भाजपा के तरफ मतों की बौछार कराते हुए शानदार जीत दिलाने में उमरिया का योगदान स्मरणीय बना दिया ।
संगठन के परिदृश्य का आंकलन किया जाये तो यह कार्य काल भाजपा के लिए स्वर्णिम ये रहा है । आपके कार्य काल में भाजपा कार्यालय की उपलब्धि ऐतिहासिक बन गई है । इनके कार्य काल में कार्यकर्ताओं का महत्व दुगुणित हुआ है और लोग भाजपा के प्रति आकर्षक होकर जुड़े हैं । भाजपा में वरिष्ठो का सम्मान, और कनिष्ठों के प्रति सहज प्यार इनकी कार्यशैली का हिस्सा बन चुका है ।

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