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क्या अभी भी प्लेऑफ में पहुंच सकती है चेन्नई सुपर किंग्स- जानिए समीकरण….

  • आईपीएल 2020 (IPL 2020) में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK,  का अबतक का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है।
  • टीम ने इस सीजन खेले 10 मैचों में से सिर्फ 3 में जीत दर्ज की है,
  • जबकि 7 मैचों में टीम को हार का सामना करना पड़ा है।

आईपीएल 2020  में चेन्नई सुपर किंग्स का अबतक का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है। टीम ने इस सीजन खेले 10 मैचों में से सिर्फ 3 में जीत दर्ज की है, जबकि 7 मैचों में टीम को हार का सामना करना पड़ा है। चेन्नई के इस साल प्लेऑफ में पहुंचने के बहुत कम चांस दिखाई दे रहे हैं और हर किसी ने यही मान लिया है कि 3 बार की चैंपियन इस साल प्लेऑफ में खेलती दिखाई नहीं देने वाली है। सीएसके को अभी चार मैच और खेलने है और अगर टीम उन चारों में जीत हासिल कर लेती हैं तो हर साल प्लेऑफ में पहुचने का रिकॉर्ड चेन्नई कायम रखने में कामयाब हो सकती है,

लेकिन इसके लिए भी बाकी टीमों की हार सीएसके के लिए जरूरी होगी। आइए एक नजर डालते हैं धोनी की सेना कैसे अभी भी इस साल अंतिम चार में जगह बना सकती है। चेन्नई सुपर किंग्स को अगर प्लेऑफ में खुद का स्थान पक्का करना है, तो टीम को हर हाल में अपने बचे चार मैचों में जीत दर्ज करनी होगी। इसके साथ ही बाकी टीमों का प्रदर्शन भी टीम के लिए काफी मायने रखने वाला है।

चेन्नई के अभी 10 मैचों में 6 प्वॉइंट है और अगर बाकी बचे चारों मैचों को सीएसके जीत लेती है तो  टीम के कुल मिलाकर 14 प्वॉइंट हो जाएंगे। किंग्स इलेवन पंजाब के इस समय 10 मैचों के बाद 8 प्वॉइंट्स हैं और अगर पंजाब की टीम बचे चार मैचों में से दो मुकाबलों में हार जाती है तो लीग स्टेज खत्म होने पर उसके 12 प्वॉइंट्स होंगे और वो प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो जाएगी।

Csk को अगर प्लेऑफ में पहुंचने से कोई टीम रोक सकती है, तो वो कोलकाता नाइटराइडर्स ही है। केकेआर के इस वक्त 10 मैचों में 10 प्वॉइंट्स हैं और टीम के चार मैच अभी बचे हुए हैं। सीएसके के नजरिए से देखें तो केकेआर का इन चार मैचों में से तीन में हारना बेहद जरूरी है,

जिसमें से एक मुकाबला खुद चेन्नई को ही इस टीम के खिलाफ खेलना है। मोर्गन की टीम अगर 4 मैच में से तीन में हार जाती है तो उनके कुल प्वॉइंट्स 12 होंगे यानी टीम प्लेऑफ में नहीं पहुंच पाएगी। 

केकेआर के बाद सीएसके के लिए यह भी जरूरी है कि डेविड वॉर्नर की कप्तानी में खेल रही सनराइजर्स हैदराबाद भी बचे चार मैचों में से तीन में हार जाए। हैदराबाद के इस वक्त 10 मैचों में 8 प्वॉइंट्स हैं और टीम को अभी 4 मैच और खेलने हैं। वॉर्नर की ऑरेंज आर्मी अगर तीन मैचों में हार का सामना करती है, तो एक मैच जीतने के बाद भी उनके 10 ही प्वॉइंट्स रहेंगे। यानी सीएसके के लिए प्लेऑफ में जाना का रास्ता खुल जाएगा। 

राजस्थान रॉयल्स के इस समय 11 मैचों में 8 प्वॉइंट्स हैं और सीएसके के नजरिए से देखें तो स्टीव स्मिथ की टीम का मुंबई इंडियंस के खिलाफ हारना आवश्यक है। अगर राजस्थान मुंबई से अपने अगले मैच में हार जाती है, तो बाकी बचे दो मैच जीतने के बाद भी टीम के कुल प्वॉइंट्स 12 ही होंगे। 

लेकिन, ध्यान देने वाली बात यह भी है कि यह सभी समीकरण तब ही चेन्नई के लिए काम आएंगे, जब टीम अपने बाकी बचे चारों मैचों में मुंबई इंडियंस, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, कोलकाता नाइटराइडर्स और किंग्स इलेवन पंजाब को हराने में कामयाब रहेंगी। अगर टीम ऐसा करने में सफल रहती है और किस्मत सीएसके का साथ देती है तो धोनी की सेना प्लेऑफ में हर साल पहुंचने के अपने रिकॉर्ड को कायम रख सकेगी।

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