उत्तराखंड में मार्च की शुरुआत तक 65 से 70 प्रतिशत तक बजट खर्च हो चुका, सरकार बदलाव के कारण बजट खर्च करना एक चुनौती …..

उत्तराखंड सरकार में बदलाव के कारण वित्त वर्ष के अंतिम माह में बजट खर्चने की रफ्तार सुस्त हो गई है। लिहाजा, 31 मार्च तक योजनाओं के लिए आवंटित राशि खर्च कर पाना चुनौती बन गया है। राज्यभर में बजट को समय पर पूरा करने के लिए इस बार सरकार ने विभागों को मार्च से पहले ही शत-प्रतिशत बजट जारी कर दिया था। लेकिन, ऐन वक्त पर सरकार में बदलाव से बजट खर्चने की रफ्तार प्रभावित हुई। वित्त विभाग के सूत्रों का कहना है कि, अधिकांश सरकारी विभागों में विभिन्न योजनाओं के लिए आवंटित बजट की 20 से 30 प्रतिशत राशि खर्च होनी बाकी है।

मार्च में रहता है भारी दबाव
सरकार हर साल अपने बजट का अधिकांश हिस्सा मार्च में विभागों को जारी करती है। इस कारण मार्च में खासा दबाव रहता है। कई बार तो विभाग योजनाओं का पैसा खर्च ही नहीं कर पाते और फिर इस राशि को सरेंडर करना पड़ता है। लिहाजा, वित्त विभाग ने इस वर्ष फरवरी तक सभी विभागों को बजट जारी कर दिया था। इतना ही नहीं, मार्च की शुरुआत तक 65 से 70 प्रतिशत तक बजट खर्च भी हो चुका था।

योजनाओं को जल्द पूरा करने के निर्देश
इधर, पहले बजट सत्र और फिर सत्ता में अचानक हुए परिवर्तन की वजह से पिछले एक सप्ताह में बजट खर्चने की रफ्तार में कमी आ गई है। वित्त विभाग के सूत्रों ने बताया है कि लोनिवि और स्वास्थ्य समेत कई बड़े विभागों में अब भी 20 से 30% बजट खर्च होना बाकी है। ऐसे में विभागों को योजनाएं जल्द पूरी करने को कहा है। 

छोटे-बड़े निर्माण के लिए 13 हजार करोड़
अफसरों के अनुसार, कोशिश की जा रही है कि चालू योजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए बजट का पूरा उपयोग कर लिया जाए। विदित है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए सरकार ने 53 हजार करोड़ के करीब का बजट पास किया था। इनमें से 13 हजार करोड़ रुपये के लघु एवं बड़े निर्माण कार्य होने हैं।

Share
Now