बता दे, अदालत ने जिले के रानीश्वर प्रखंड के बीडीओ शिवाजी भगत को चार साल की सजा सुनाई है, इसके साथ ही 1.20 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है, जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर 9 महीने अतिरिक्त सजा काटनी होगी, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन्हें सजा सुनायी गयी. 30 हजार रुपए रिश्वत लेने का दोषी पाते हुए दुमका की अदालत ने इन्हें सजा सुनायी है, द्वितीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश सह निगरानी के विशेष न्यायाधीश प्रकाश झा की अदालत ने जांच प्रतिवेदन देने के एवज में तीस हजार रुपए रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़े जाने के 14 साल पुराने एक मामले में बीडीओ शिवाजी भगत को सजा सुनायी है.
विशेष न्यायाधीश प्रकाश झा की अदालत ने शुक्रवार को रिश्वतखोरी के 14 साल पुराने मामले में दुमका के रानीश्वर प्रखंड के वर्तमान और नाला के तत्कालीन बीडीओ शिवाजी भगत को दोषी करार देते हुए चार साल और 1.20 लाख रुपया जुर्माना की सजा सुनाई,स्पेशल केस नम्बर 10/2010 (निगरानी थाना कांड संख्या 10/2010) में सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद अदालत ने दोषी करार देते हुए सजा सुनायी. इस मामले में सरकार की ओर से लोक अभियोजक चंपा कुमारी और बचाव पक्ष की ओर से बहस सुनने के बाद न्यायालय ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जेल में बंद दोषसिद्ध बीडीओ शिवाजी भगत को सजा सुनायी!
पदस्थापित पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अंचल अधिकारी शिवजी भगत के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी थी,शिवाजी भगत पर सूचक से रिश्वत के रूप में तीस हजार रुपए की मांग कर परेशान करने का आरोप भी लगाया गया था, तत्पश्चात शिकायत पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जमीन विवाद में उसके पक्ष में जांच प्रतिवेदन देने के एवज में रिश्वत के तौर पर तीस हजार रुपए लेते हुए शिवजी भगत को रंगेहाथ पकड़ लिया था,शिवाजी भगत ने नाला में बीडीओ सह सीओ पद पर रहते हुए तारकनाथ मंडल से काम कराने के एवज में 30 हजार की मांग की थी। पीड़ित की शिकायत पर एसीबी ने एक अप्रैल 2010 को उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार किया था,उसके बाद यह मामला सुरखियों में आया। रिपोर्ट:-अमित कुमार सिन्हा