भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सम्मेलन में हिस्सा लेने चीन के किंगदाओ गए थे। वहीं, 26 जून को उन्होंने चीनी रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून के साथ एक खास द्विपक्षीय बैठक की।
इस बातचीत में राजनाथ सिंह ने दोनों देशों के बीच सामान्य और सकारात्मक रिश्ते लौटाने की दिशा में जो प्रयास हो रहे हैं, उसकी सराहना की। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जटिल मसलों को सुलझाने के लिए एक ठोस और स्थायी योजना बनाना बेहद जरूरी है, ताकि तनाव कम हो और समझदारी से आगे बढ़ा जा सके।
भारत-चीन सीमा मसलों को सुलझाने में राजनाथ सिंह के विचार
- सीमा विवाद को सुलझाने के लिए जो प्रक्रिया तय हुई है, उसका पूरा सम्मान और पालन होना चाहिए।
- बॉर्डर पर तनाव कम करने के लिए दोनों तरफ से मिलकर ठोस कदम उठाने होंगे।
- सीमाओं के सही सीमांकन और डीलिमिटेशन के लक्ष्य को जल्द हासिल करने के लिए समाधान की प्रक्रिया को और तेज़ करना जरूरी है।
- हमारे संबंधों को मजबूत करने और मतभेदों को कम करने के लिए, मौजूदा एसआर स्तर की व्यवस्था का बेहतर उपयोग कर नई और प्रभावी प्रक्रियाएं बनानी चाहिए।
पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षा मंत्री ने दी जानकारी
राजनाथ सिंह ने भारत और चीन के बीच 75 सालों के राजनयिक रिश्तों के इस अहम पड़ाव को खास तौर पर उजागर किया। साथ ही, उन्होंने चीनी रक्षा मंत्री को 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की जानकारी दी और भारत के ऑपरेशन सिंदूर के मकसद को भी समझाया।
रिपोर्ट : कनक चौहान