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पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए एक और बड़ा चुनावी दांव खेल सकती है भाजपा I कर सकती है यह मांग पूरी!!

पश्चिम उत्तर प्रदेश की लंबे समय से चली आ रही इलाहाबाद हाई कोर्ट की अलग बेंच की मांग केंद्र सरकार पूरी कर सकती है। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को कहा कि सरकार इस पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि आगरा में उच्च न्यायालय की खंडपीठ की स्थापना को लेकर विधि मंत्रालय के पास न्यायमूर्ति जसवंत सिंह आयोग की रिपोर्ट मौजूद है और केंद्र सरकार इस पर विचार कर रही है। रिजिजू ने कहा कि अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो इलाहाबाद उच्च न्यायालय की आगरा खंडपीठ की स्थापना को जल्द मंजूरी मिल जाएगी।

मंत्रालय ने उच्च न्यायालय स्थापना संघर्ष समिति को वार्ता के लिए दिल्ली भी आमंत्रित किया है। रिजिजू ने कहा कि केंद्रीय विधि राज्य मंत्री और स्थानीय सांसद एस. पी. सिंह बघेल से भी चर्चा हुई है। बघेल ने कहा कि आगरा उनका संसदीय क्षेत्र है। प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए आगरा में उच्च न्यायालय की खंडपीठ की स्थापना किया जाना व्यावहारिक रूप से उचित है। आगरा कॉलेज मैदान पर सांसद खेल स्पर्धा में भाग लेने आए केंद्रीय मंत्री रिजिजू को ज्ञापन के साथ न्यायमूर्ति जसवंत सिंह आयोग की रिपोर्ट भी सौंपी।

बता दें कि लंबे समय से मेरठ, आगरा समेत पश्चिम उत्तर प्रदेश के बड़े इलाके में हाई कोर्ट की अलग बेंच स्थापित करने की मांग उठती रही है। हर आम चुनाव और विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा उठता रहा है, लेकिन अब तक इस पर मुहर नहीं लग सकी है। ऐसे में यदि मोदी सरकार की ओर से इसकी मंजूरी मिलती है तो यह बड़ी मांग पूरी करने जैसा होगा। ऐसा होने पर भाजपा को पश्चिम उत्तर प्रदेश में बड़ी चुनावी सफलता भी मिल सकती है। फिलहाल पश्चिम यूपी के लोगों को हाई कोर्ट से न्याय पाने के लिए लंबी यात्रा करनी पड़ती है। ऐसे में यह मांग लंबे समय से उठाई जाती रही है कि पश्चिम यूपी में हाई कोर्ट की बेंच मेरठ, आगरा अथवा मुरादाबाद जैसे किसी शहर में स्थापित की जाए।

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