यौन उत्पीड़न मामले में पूर्व ग्रह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को लेकर बड़ा फैसला- छात्रा और ….

  • पूर्व गृहराज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद को यौन उत्पीड़न मामले से बरी कर दिया गया है। 
  • एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने शाहजहांपुर के एसएस लॉ कालेज से एलएलएम करने वाली छात्रा के साथ यौन संबध बनाने की खातिर उसे अपनी कस्टडी में रखने के मामले में स्वामी चिन्मयानंद को शुक्रवार को बरी कर दिया।
  • अदालत ने इसके साथ ही रंगदारी व जानमाल की धमकी के मामले में छात्रा व पांच अन्य अभियुक्त संजय सिंह, डीपीएस राठौर, विक्रम सिंह, सचिन सिंह व अजीत सिंह को भी साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। 

शाहजहांपुर
पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर 2019 में लॉ कॉलेज की छात्रा से यौन उत्पीड़न (Swami Chinmayanand Case) के मामले में लखनऊ हाई कोर्ट ने बरी कर दिया है साथ ही आरोप लगाने वाली छात्रा द्वारा चिन्मयानंद से पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में भी लखनऊ हाई कोर्ट ने सभी को बरी कर दिया है। चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने वीडियो जारी करके चिन्मयानंद के केस से बरी होने को जानकारी दी। उनका कहना है कि माननीय कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद को दोषमुक्त कर दिया है।

27 अगस्त 2019 को चिन्मयानंद के खिलाफ छात्रा के पिता ने शाहजहांपुर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि उनकी बेटी एलएलएम कर रही है। वह कॉलेज के हॉस्टल में रहती थी। 23 अगस्त से उसका मोबाइल बंद है। फेसबुक पर उसका वीडियो देखा, जिसमें स्वामी चिन्मयानंद व कुछ अन्य लोग उसको दुष्कर्म करने व जान से मारने की धमकी दे रहे थे। उनकी बेटी के कमरे में ताला बंद था।

उन्होंने मीडिया के सामने वीडियो व बेटी का कमरा सील किए जाने की मांग भी की थी। इस मामले में 20 सितंबर 2019 को चिन्मयानंद को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। चार नवंबर 2019 को एसआईटी ने आरोप पत्र दाखिल किया था। तीन फरवरी 2020 को हाईकोर्ट की खंडपीठ से चिन्मयानंद की जमानत मंजूर हुई थी।

इस तरह से मामले में आया उतार चढ़ाव
24 अगस्त 2019: स्वामी चिन्मयानंद के मुमुक्षु आश्रम द्वारा चलाए जा रहे एसएस लॉ कॉलेज की 23 वर्षीय लॉ छात्रा ने उन पर उत्पीडऩ और यौन शोषण का आरोप लगाते हुए अपने फेसबुक वॉल पर एक वीडियो पोस्ट किया।

25 अगस्त:  लॉ छात्रा लापता हो गई, पिता ने स्वामी चिन्मयानंद व अन्य पर बेटी को अगवा करने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी।

26 अगस्त: स्वामी चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने खुलासा किया कि अज्ञात नंबर से पांच करोड़ की फिरौती मांगी, रिपोर्ट दर्ज कराई। 26 अगस्त एसपी ने छात्रा की बरामदगी के लिए तीन टीमें गठित की। आरोपों की जांच कोतवाल को सौंपी गई।

27 अगस्त:  जिला पुलिस ने स्वामी चिन्मयानंद व अन्य के खिलाफ अपहरण और आपराधिक धमकी से संबंधित धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज की।

30 अगस्त: लॉ छात्रा को यूपी पुलिस ने दौसा (राजस्थान) में मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के पास उसके एक दोस्त के साथ पाया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने लड़की को पेश करने के आदेश दिए। इस मामले में वीडियो वारयल हुआ। वीडियो में स्वामी चिन्मयानंद के होने का दावा किया। इसमें वह लड़की से मसाज करा रहे थे। 

2 सितंबर: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि लॉ छात्रा द्वारा लगाए गए स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ आरोपों को देखने के लिए स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) टीम का गठन किया जाए। कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मामले में दर्ज दो क्रॉस एफआइआर में जांच की निगरानी के लिए एक बेंच गठित करने का आग्रह किया।

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