Big Breaking: करनाल में देर रात किसानों के बीच सुलह करने पहुंचा प्रशासन…..

हरियाणा के जिला करनाल में किसानों द्वारा खोले गए मोर्चे के बाद अब प्रशासन नर्म होता नजर आ रहा है। आज मंगलवार को किसानों की महापंचायत के बाद किसानों द्वारा जिला सचिवालय का घेराव किए जाने के बाद प्रशासन खुद सुलह करने के विचार में नजर आ रहा है। जिला सचिवालय के बाहर हजारों की संख्या में मौजूद किसानों के हुजूम को देखते हुए जिला प्रशासन उनसे बातचीत करने पहुंचा है। करनाल के डीसी निशांत यादव, एसपी गंगाराम पुनिया व आईजी ममता सिंह अन्य अधिकारियों समेत किसानों के बीच समाधान निकालने के लिए वार्ता कर रहे हैं। करनाल के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि आंदोलनकारियों द्वारा आज सचिवालय के घेराव के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा व्यापक प्रबंध किए गए थे ताकि किसी भी प्रकार की जानमाल की हानि न हो। प्रशासन की मंशा है कि बातचीत से इसका समाधान निकाला जा सके। उपायुक्त ने बताया कि जिले में आंदोलनकारियों के कारण किसी भी जानमाल की हानि के बचाव के लिए भारी पुलिसबल बुलाया गया था। आंदोलनकारी किसान नेताओं को सुबह ही बातचीत के लिए लघु सचिवालय में बुला लिया गया था। इस कमेटी में 15 नेताओं ने भाग लिया। यह बैठक करीब 3 घंटे तक चली लेकिन यह बैठक सफल नहीं हो सकी।

उन्होंने बताया कि वार्ता विफल होने के बाद किसान नेताओं ने महापंचायत स्थल नई अनाज मंडी में जाकर अपने निर्णय अनुसार लघु सचिवालय के घेराव के लिए आने का निर्णय लिया। आंदोलनकारी के निर्णय के बाद जिला प्रशासन के अधिकारी पुन: नमस्ते चौंक पर उनकी गिरफ्तारियां करने के लिए पहुंच गए। जिला प्रशासन के अनुरोध पर सभी जो बड़े आंदोलनकारी नेता थे, उन्होंने अपनी गिरफ्तारी दे दी थी, किंतु युवा आंदोलनकारियों के विरोध के चलते सभी नेता बस से उतर गए और उन्होंने जिला सचिवालय की ओर चलना शुरू कर दिया। उपायुक्त ने बताया कि सचिवालय तक जाने के लिए पुलिस ने अनेक नाकों पर बैरिकेट लगाई थी। सभी बैरिकेटों पर भारी पुलिसबल तैनात था। आंदोलनकारियों ने सभी बैरिकेट तोड़ दिए किंतु जिला प्रशासन व पुलिसबल द्वारा पूर्ण धैर्य, संयम व सूझबूझ का परिचय देते हुए आंदोलनकारियों को जिला सचिवालय तक जाने दिया गया। जिला प्रशासन के बार-बार अनुरोध पर आंदोलनकारी जिला सचिवालय के गेट के सामने धरने पर बैठे रहे। जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव, आईजी ममता सिंह व एसपी गंगाराम पुनिया व अन्य वरिष्ठï अधिकारियों आंदोलनकारियों के बीच में बैठकर अभी भी वार्ता कर रहे हैं ताकि कुछ समाधान निकाला जा सके।

Share
Now