r बांका जिला प्रशासन ने एक बार फिर सुशासन, प्रतिबद्धता और जनसेवा की उत्कृष्ट मिसाल प्रस्तुत की है। बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम एवं बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत राज्य स्तरीय रैंकिंग में बांका जिला ने पूरे बिहार में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि दृढ़ प्रशासनिक इच्छाशक्ति, जवाबदेही और जनहित को सर्वोपरि रखने वाले दृष्टिकोण का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
लगातार दो वर्षों से शीर्ष स्थान पर बना हुआ है बांका
गौरतलब है कि बांका जिला बीते दो वर्षों से इन दोनों महत्त्वपूर्ण अधिनियमों में लगातार शीर्ष तीन जिलों में बना हुआ है। यह सफलता जिला पदाधिकारी अंशुल कुमार के कुशल नेतृत्व, सघन अनुश्रवण और सतत समीक्षा का परिणाम है। अंशुल कुमार द्वारा हर माह समीक्षा बैठकें आयोजित की जाती हैं, जिसमें संबंधित पदाधिकारियों को सेवा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाते हैं।
सेवा और समाधान दोनों में प्राथमिकता
बांका जिला न केवल सेवाओं की समयबद्ध और पारदर्शी प्रदायगी सुनिश्चित कर रहा है, बल्कि जनशिकायतों के त्वरित एवं संतोषजनक समाधान में भी प्रदेश भर में उदाहरण बन चुका है। सभी संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मी स्वयं जिला पदाधिकारी के मार्गदर्शन में पूरी निष्ठा से कार्य कर रहे हैं, ताकि हर एक नागरिक को उसकी सेवा और न्याय समय पर मिल सके।
लापरवाही पर दंड, समर्पण पर सम्मान
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सेवा प्रदायगी या शिकायत निवारण में कोताही बरतने वाले किसी भी पदाधिकारी या कर्मी को बख्शा नहीं जाएगा। बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के तहत दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाती है, जिससे कार्यसंस्कृति में अनुशासन और उत्तरदायित्व की भावना बनी हुई है।
इस निरंतर प्रदर्शन ने बांका को एक आदर्श प्रशासनिक मॉडल के रूप में स्थापित कर दिया है। जनता के विश्वास और प्रशासन की पारदर्शिता के इस संगम ने यह सिद्ध कर दिया है कि जब नेतृत्व सशक्त और नीयत साफ होती है, तो परिणाम भी उल्लेखनीय होते हैं।
बांका की यह उपलब्धि न केवल जिले के लिए गर्व का विषय है, बल्कि पूरे बिहार के लिए प्रेरणास्रोत भी है। मनोरंजन प्रसाद, ब्यूरो चीफ, बांका।