भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान अपने क्षेत्र में बच्चों के अत्याचार के मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों के खिलाफ अत्याचार और आतंकवाद फैलाने वाले पाकिस्तान का संयुक्त राष्ट्र में उपदेश देना घोर पाखंड है।
पाकिस्तान के खिलाफ आरोप
बता दे की भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि मैं पाकिस्तान के प्रतिनिधि की ओर से की गई राजनीति से प्रेरित टिप्पणियों पर खारिज करता हूं। पाकिस्तान सीएएसी एजेंडे के गंभीर उल्लंघनकर्ताओं में से एक है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपने नापाक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न चर्चाओं में भारत को बदनाम कर रहा है। ऐसा करके पाकिस्तान अपने ही देश में बच्चों के खिलाफ किए जा रहे अत्याचारों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रहा है।
बच्चों के अधिकारों की बात
वही राजदूत हरीश ने कहा कि हमारी दुनिया संघर्षों और आतंकी हमलों में एक खतरनाक वृद्धि देख रही है और बच्चे उनके सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं। यूएनएसजी की रिपोर्ट के अनुसार बच्चों के खिलाफ गंभीर उल्लंघन 25 प्रतिशत बढ़ गए हैं, जबकि 2024 में यौन हिंसा 35 प्रतिशत बढ़ गई है। यह गंभीर स्थिति तत्काल और निर्णायक कार्रवाई की मांग करती है।
बच्चों के संरक्षण की आवश्यकता
उन्होंने कहा कि बच्चों के समग्र विकास के लिए एक सक्षम वातावरण बनाना बाल संरक्षण के लिए मौलिक है। उनकी सुरक्षा, पोषण और शिक्षा को राष्ट्रीय और घरेलू स्तर पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए। संघर्ष और संघर्ष के बाद की स्थितियों में बच्चों को समाज में उनके सफल पुन: एकीकरण के लिए विशेष ध्यान और मनोवैज्ञानिक-सामाजिक समर्थन की आवश्यकता होती है।
रिपोर्ट:- कनक चौहान