गिरफ्तारी, बवाल और रिहाई… लवप्रीत तूफान बोला- खालिस्तान का असली मतलब…..

खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल का करीबी लवप्रीत तूफान रिहा हो गया है. जेल से निकलते ही कहा कि उसे झूठे केस में फंसाया गया था. सच्चाई की जीत हुई है. यहां से स्वर्ण मंदिर जाकर मत्था टेकेगा. उधर, तूफान सिंह को मिलते ही अमृतपाल ने सरोपा पहनाया फिर गले लगाया. जेल से रिहा होने के बाद लवप्रीत ने कहा कि सिख समाज का दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूं. उन ऑफिसर्स का भी शुक्रिया जिन्होंने जेल में अच्छी तरह रखा. 

खालिस्तान का असली मतलब कोई नहीं जानता

जेल से निकलने के बाद आजतक से बातचीत में लवप्रीत ने कहा, ‘कोई मुझे आतंकवादी कहता है, कोई अलगाववादी. मगर, खालिस्तान का असली मतलब कोई नहीं जानता. हम अलग राज्य की मांग कर रहे हैं क्योंकि हम गुलामी की भावना के तहत जीने के लिए मजबूर हैं. हमें कोई आजादी नहीं है. हमारा एक और मकसद अपने नौजवानों को नशे की लत से दूर करना है.’

हमने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया था- डीजीपी

पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि हमने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया था. साथ ही शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई थी लेकिन प्रदर्शनकारियों के बवाल के चलते पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा. इस दौरान पुलिस पर हमला करने के लिए बेहद कायरतापूर्ण तरीके से धारदार हथियारों का इस्तेमाल किया गया. हम प्रदर्शनकारियों की पहचान कर रहे हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

…तो हम खालिस्तान की मांग क्यों नहीं कर सकते

उधर, ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने कहा था कि हम खालिस्तान के मामले को बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं. जब लोग हिंदू राष्ट्र की मांग कर सकते हैं, तो हम खालिस्तान की मांग क्यों नहीं कर सकते. अमृतपाल ने कहा कि दिवंगत पीएम इंदिरा गांधी को खालिस्तान का विरोध करने की कीमत चुकानी पड़ी थी.

अमृतपाल ने आगे कहा कि हमें कोई नहीं रोक सकता, चाहें वह पीएम मोदी हों, अमित शाह हों या भगवंत मान. मुझ पर और मेरे समर्थकों पर लगाए गए आरोप झूठे हैं. इससे पहले अमृतपाल सिंह ने अमित शाह को भी खामियाजा भुगतने की धमकी दी थी.

इंदिरा गांधी की तरह चुकानी होगी कीमत

खालिस्तान की मांग को लेकर अमृतपाल सिंह ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को सीधे तौर पर धमकी भी दी. उसने कहा, “अमित शाह ने कहा था कि वह खालिस्तान आंदोलन को आगे बढ़ने नहीं देंगे. मैंने कहा था कि इंदिरा गांधी ने भी ऐसा ही किया था. अगर आप भी ऐसा ही करेंगे, तो आपको उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.”

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