क्या वास्तव में पेंगुइन विलुप्त के कगार पर है, पेंगुइन की करीब 17 प्रजातियां है पर उनमे करीब 13 प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर है…

एक हालिया अध्ययन में आशंका जताई गई है कि अंटार्कटिक में एम्परर पेंगुइन की नब्बे प्रतिशत रिहाइश ख़त्म हो सकती है,अंटार्कटिका के पेंगुइन्स पर मंडराया विलुप्ति का खतरा
वैज्ञानिकों ने महाद्वीप पर H5N1 एवियन फ्लू के खतरे को लेकर चेतावनी जारी की है.
अंटार्कटिका में बर्ड फ्लू की निगरानी के लिए एक अभियान शुरू हुआ, ये दक्षिण अफ्रीका, अंटार्कटिका, चिली, न्यूजीलैंड, अर्जेटीना और ऑस्ट्रेलिया में पेंगुइन पाये जाते है।

अंटार्कटिका में पहली बार बर्ड फ्लू का मामला सामने आया है. वैज्ञानिकों ने महाद्वीप पर H5N1 एवियन फ्लू (Bird Flu) के खतरे को लेकर चेतावनी जारी की है. इस वायरस ने दुनिया भर में कई पक्षियों की आबादी को खत्म कर दिया है. फिलहाल, इसका खतरा अंटार्कटिका के पेंगुइन कॉलोनियों पर मंडरा रहा है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इस अभियान में शामिल चिली के पोंटिफिकल कैथोलिक यूनिवर्सिटी के रिसर्चर फेबियोला लियोन ने बताया कि ये बहुत ही चिंताजनक जोखिम है. इस वायरस से एम्परर पेंगुइन और कुछ दूसरे पक्षियों पर विलुप्त होने का खतरा है.

बर्ड फ्लू की निगरानी करने के लिए शुरू किए गए इस अभियान का आयोजन द चिली अंटार्कटिक इंस्टीट्यूट ने किया है. इंस्टीट्यूट ने जानकारी दी है कि इस हफ्ते पॉजिटिव बर्ड फ्लू के मामले दर्ज किए गए हैं. इंस्टीट्यूट ने इसे ‘लैंडमार्क’ खोज बताया क्योंकि जो मामले दर्ज किए गए हैं उनमें पेंगुइन भी शामिल थे. फेबियोला लियोन ने बताया,

पहली बार अंटार्कटिका में इस वायरस की पुष्टि हुई है. ये वायरस सबसे पहले पिछले महीने अंटार्कटिका में स्कुआ समुद्री पक्षियों में पाया गया था. पॉजिटिव मामलों में 9 एडेली पेंगुइन और 1 अंटार्कटिक कॉर्मरन्ट (समुद्री पक्षी) शामिल हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि पेंगुइन कॉलोनियों के माइग्रेशन (प्रवासी गतिविधियां) से इस वायरस के फैलने का खतरा है, जिससे बीमारी बढ़ सकती है.
ये वायरस पक्षियों से मैमल तक पहुंच गया है. ऑस्ट्रेलिया को छोड़कर इस वायरस ने सभी महाद्वीप तक अपनी पहुंच बना ली है.

द वाशिंगटन पोस्ट में छपी एक रिपोर्ट में ये बताया गया है कि अंटार्कटिका के पेंगुइन्स पहले से ही जलवायु परिवर्तन की मार झेल रहे हैं. इनमें वायरस से लड़ने की क्षमता काफी कम है. क्योंकि इससे पहले यह वायरस कभी इस महाद्वीप पर नहीं पहुंचा था. दूसरी बात यह है कि पेंगुइन्स खचाखच भरी कॉलोनियों में एक साथ घूमना पसंद करते हैं. इससे बीमारी फैलने का खतरा और भी बढ़ जाता है.

जीव विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. डायना बेल ने बताया कि 2020 से बर्ड फ्लू तेजी से फैल रहा है. H5N1 26 देशों में फैल चुका है और मैमल इस वायरस का शिकार हो रहे हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2020 में 23 देशों में इंसानों में बर्ड फ्लू के 882 मामले सामने आए. इसमें मृत्यु दर 52 फीसदी थी. यानी संक्रमण के हर दो मामलों में एक व्यक्ति की मौत हो गई.
आर्कटिक में अध्ययनों से पता चला है कि अगर हम किसी तरह से जलवायु वार्मिंग को उलट सकते हैं, तो ध्रुवीय उत्तर में समुद्री बर्फ ठीक हो जाएगी। क्या यह अंटार्कटिक में भी लागू हो सकता है, हम नहीं जानते। लेकिन यह सोचने का हर कारण है कि अगर यह काफी ठंडा हो गया है, समुद्री बर्फ में सुधार होगा।”
रिपोर्ट:- अमित कुमार सिन्हा (रांची)

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