- अमूल्या ने 20 फरवरी को CAA एंटी रैली में लगाए थे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे,
- MIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी थे उस वक्त स्टेज पर मौजूद.
- पुलिस ने केस दर्ज कर किया था गिरफ्तार,
- जेल में बंद थी अमूल्या,
- कानून के मुताबिक पुलिस को 90 दिनों के अंदर फाइल करनी चाहिए थी चार्जशीट,
- चार्जशीट फाइल न होने के कारण कोर्ट ने सशर्त जमानत दी
- बेंगलुरु की एक अदालत ने दी अमूल्या लियोना को जमानत ।
बेंगलुरु: AIMIM पार्टी के नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी की एंटी सीएए रैली में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने वाली अमूल्या को जमानत मिल गई है. बेंगलुरु की एक अदालत ने अमूल्या लियोना को जमानत दी है.।
इससे पहले बुधवार को अमूल्या की जमानत याचिका बुधवार को खारिज करते हुए 60वें अतिरिक्त नगर दीवानी एवं सत्र न्यायाधीश विद्याधर शिराहट्टी ने कहा कि जांच पूरी नहीं हुई है और जांच अधिकारी ने अभी तक आरोप-पत्र दाखिल नहीं किया है।
तब कोर्ट ने कहा कि ‘यदि याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा कर दिया जाता है तो वह फरार हो सकती है, या इस तरह के अपराध में संलिप्त हो सकती है, जिससे शांति व्यवस्था में खलल पड़ेगा।’कार्यकर्ता एवं कॉलेज छात्रा अमूल्या ने ‘हिंदू-मुस्लिम सिख ईसाई फेडरशन’ द्वारा 20 फरवरी को आयोजित सीएए, राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ विरोध सभा के दौरान पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए थे।
मौके पर मौजूद ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख एवं हैदराबाद से पार्टी के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अमूल्या को पाकिस्तान का समर्थन करने वाला नारा दोहराने से रोकने की कोशिश की थी। इस नाटकीय घटना के चलते ओवैसी और रैली के आयोजकों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था।
यह घटना उस वक्त हुई थी, जब अमूल्या को ‘हमारा संविधान बचाओ’ के बैनर तले सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में एकत्र लोगों को संबोधित करने के लिए मंच पर बुलाया गया था।
अमूल्या को तब कर्नाटक पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद यहां मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया था, जिन्होंने उसे राजद्रोह के आरोप में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।