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वरिष्ठतम तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी में से एक आलोक राज बने बिहार पुलिस के महानिदेशक…

बिहार सरकार ने 1989 बैच के सीनियर आईपीएस अधिकारी आलोक राज को प्रदेश का नया डीजीपी नियुक्त किया है। इस संबंध में गृह विभाग ने आदेश जारी किया है।

1989 बैच के सीनियर आईपीएस अधिकारी आलोक राज को बिहार का नया डीजीपी बनाया है

आपकी जानकारी के लिए बता दें, बिहार के नए डीजीपी आईपीएस आलोक राज बहुत कम लोगों को पता होगा कि आलोक राज एक तेज तर्रार पुलिस अधिकारी के साथ साथ बहुत अच्‍छे गायक भी हैं, उनका गीत-संगीत से काफी लगाव है, अब उन्हें बिहार का नया डीजीपी बनाया गया है। सरकार ने 1989 बैच के सीनियर आईपीएस अधिकारी आलोक राज को प्रदेश का नया डीजीपी बनाया है। इस संबंध में गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। आलोक राज वर्तमान में बिहार पुलिस में निगरानी जांच ब्यूरो के महानिदेशक (डीजी) के रूप में कार्यरत हैं। अधिसूचना के मुताबिक आलोक राज अगले आदेश तक बिहार पुलिस के महानिदेशक बने रहेंगे,वह 31 दिसंबर 2025 तक डीजीपी बने रहेंगे। यानी विधानसभा चुनाव तक वह बिहार के डीजीपी रहेंगे। पहले से ही आलोक राज का नाम डीजीपी के लिए तय माना जा रहा था क्योंकि वह इस समय राज्य में सबसे सीनियर आईपीएस अफसर हैं। जानकारी के अनुसार, आलोक राज 31 दिसंबर 2025 में पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। तब तक वह इस पद पर असिन रहेंगे।

आलोक राज को बिहार, झारखंड और बंगाल में पुलिसिंग का लगभग 35 वर्षों का लंबा अनुभव रहा है

आलोक राज को बिहार, झारखंड और बंगाल में पुलिसिंग का करीब 35 वर्षों का लंबा अनुभव रहा है। वर्ष 1989 में आईपीएस बनने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग पटना सिटी के सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) के रूप में हुई। यहां चार कुख्यात अपराधियों को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराने के लिए आलोक राज को पुलिस वीरता पदक से अलकृंत किया गया।
वह मूल रूप से बिहार के ही रहने वाले हैं। उनका पैतृक गांव मुजफ्फरपुर जिले के सरैंया प्रखंड के नेऊरा गांव है। अभी इनकी फैमिली पटना के कंकड़बाग में रहती है। यह आवास उनके पिता ने बनवाया था,बताते चलें, आलोक राज के ससुर भी बिहार पुलिस के डीजीपी रह चुके हैं। लालू यादव की सरकार में उनके ससुर डीएन सहाय डीजीपी थे,आलोक राज संगीत के शौकीन के साथ-साथ, सोशल मीडिया पर उनके गाए हुए गाने वायरल होते रहते हैं। भोले बाबा पर उन्होंने गाना गाया था जोकि सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। बताया जाता है कि आलोक राज कई एल्बम भी बना चुके हैं।वह पटना विश्वविद्यालय से एमएससी भूगर्भशास्त्र में गोल्ड मेडलिस्ट रहे।

आलोक राज ने इटली में संयुक्त राष्ट्र संघ, शांति सेना का उच्च स्तरीय प्रशिक्षण भी प्राप्त किया

उत्कृष्ट पुलिस करियर के लिए आलोक राज को तीन बार राष्ट्रपति द्वारा पदक से नवाजा गया। उन्हें वर्ष 1994 में पुलिस वरीता पदक, वर्ष 2008 में सराहनीय सेवा पदक और वर्ष 2016 में विशिष्ट सेवा पदक मिला, बात उसे समय की है जब अविभाजित बिहार में रांची, गुमला, पश्चिमी सिंहभूम,देवघर, हजारीबाग, सीतामढ़ी और बेगूसराय जिले के एसपी भी रहे। वर्ष 2004 से 2011 तक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में कार्यरत रहें जहां उन्हें सात साल में चार बार उन्हें सीआरपीएफ डीजी के प्रशंसा डिस्क से सम्मानित किया गया, बंगाल के नंदीग्राम से लेकर जब टाटा नैनो प्लांट के विरोध में हिंसक आंदोलन हुआ तो बतौर सीआरपीएफ आइजी आलोक राज ने कई दिनों तक वहां मोर्चा संभाले रखा। नंदीग्राम में शांति बहाली और विधि-व्यवस्था बहाल करने के लिए उनकी उस समय पूरे देश में प्रशंसा की गई। एसपी के रूप में वनमाफिया के विरुद्ध कार्रवाई की तो हजारीबाग एसपी के रूप में कोयला माफिया और नक्सलियों के विरुद्ध अभियान का नेतृत्व किया,आलोक राज ने इटली में संयुक्त राष्ट्र संघ, शांति सेना का उच्च स्तरीय प्रशिक्षण भी प्राप्त किया। बिहार लौटने के बाद वह विशेष शाखा, सीआइडी और विधि-व्यवस्था के एडीजी भी रह चुके हैं।वास्तव में देश की सेवा बेमिसाल रही, आशा है कि और बेहतरीन पुलिसिंग का कार्य देखने को मिलेगा और देश की सेवा करते रहेंगे।

रिपोर्ट:-अमित कुमार सिन्हा

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