कोरोना के बाद चीन में नई रहस्यमय बीमारी का कहर! WHO आया एक्शन में…..

कोरोना महामारी के बाद चीन अब नई बीमारी की चपेट में हैं। चीन में अस्पतालों में भीड़ बढ़ गई है। नई बीमारी में लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। ऐसे में सवाल है कि पड़ोस में होने की वजह से भारत के लिए खतरा कितना बड़ा है।

चीन में सांसों की रहस्यमय बीमारी ने दुनिया को फिर से टेंशन में ला दिया है। खास बात है कि चीन में बड़े पैमाने पर बच्‍चे निमोनिया का शिकार हो रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस बीमारी की वजह से अस्पतालों में भारी भीड़ है। इस बीमारी का कारण अभी पता नहीं चल पाया है। बच्चों में मुख्य रूप से तेज बुखार सहित कई लक्षण दिखाई दे रहे हैं। कुछ बच्चों में फुफ्फुसीय नोड्यूल विकसित हो रहे हैं। अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि संक्रमण घातक है। चीन में बीमारी के विश्व स्वास्थ्य संगठन भी ऐक्शन में आ गया है। ऐसे में सवाल है कि आखिर इस बीमारी से भारत को कितना खतरा है। क्या भारत को इस बीमारी से चिंतित होने की जरूरत है।

भारत को कितना खतरा?
मेडिकल एक्सपर्ट का कहना है कि इस बीमारी से भारत पर खतरे के बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। सीके बिड़ला अस्पताल, गुरुग्राम में इंटरनल मेडिसिन के कंसल्टेंट डॉ. तुषार तायल का कहना है कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि मौजूदा संक्रमण महामारी बन सकता है या नहीं। डॉ. तुषार ने कहा कि चीन ने हाल ही में ज्यादातर बच्चों में रहस्यमय इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के फैलने की सूचना दी है। बच्चों को बिना किसी अन्य लक्षण के उच्च श्रेणी का बुखार हो रहा है। फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम संक्रामक रोग सलाहकार डॉ. नेहा रस्तोगी पांडा का कहना है कि रहस्यमय निमोनिया से प्रभावित मरीजों में आमतौर पर गंभीर श्वसन संकट होता है। इसके लिए तत्काल इलाज की आवश्यकता होती है। प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि बीमारी अत्यधिक संक्रामक हो सकती है, जो प्रभावित समुदायों में इसके तेजी से फैलने में मदद करती है। डॉ. पांडा ने कहा कि चीन में रहस्यमय निमोनिया का प्रकोप के शुरुआती मामलों में बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई जैसे सामान्य श्वसन लक्षण सामने आए। हालांकि, इसकी गंभीरता और तेजी से प्रगति हुई बीमारी ने ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि इससे स्वास्थ्य अधिकारियों और शोधकर्ताओं को तत्काल प्रतिक्रिया मिली है।

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