रांची01अगस्त: कल मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में प्रदर्शन कर रहे विधायकों के साथ जिस तरह का रवैया अपनाया गया है उस पर रांची के सांसद सह रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि यह झारखंड के लोकतांत्रिक इतिहास का काला दिन है। विधानसभा सत्र के दौरान जब झारखंड भाजपा के विधायक सरकार की नीतियों, रोजगार, अपराध, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे थे तो सदन की बिजली काट दी गई, अंधेरा कर दिया गया। और आज 18 विधायक को निलंबन कर तानाशाही के बल पर सरकार चलाना चाहती है।
झारखंड के हेमंत सोरेन की सरकार को शर्म करनी चाहिए। ये सरकार वादा खिलाफी की सरकार है, झूठी सरकार है।
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने असम के मुख्यमंत्री को पाकुड़ के द़ौरे पर जाने से रोकने की तीव्र निंदा की है। मंत्री संजय सेठ ने कहा कि इस सरकार ने जिस तरह झारखंड के युवाओं को ठगने का काम किया है। 5 लाख नौकरी देने का वादा नौकरी नहीं तो ₹5000 प्रति माह बेरोजगारी भत्ता, खटा खटा एक लाख रू खाते मे का क्या हुआ। इन सभी मुद्दों पर सरकार विफल रही है इन पांच सालों में एक भी युवाओं को सरकार ने नौकरी नहीं दिया, ना ही बेरोजगारी भत्ता दिया है। आज जब विपक्ष सवाल खड़े कर रही है तो सरकार इसे भाग रही है। पारा शिक्षक हो, या सहायक पुलिसकर्मी, चाहे छात्र आज अपने मांगों को लेकर धरना पर बैठे हैं। वहीं सरकार इन पर लाठी चार्ज कर उनके आंदोलन को दबाना चाहती है। आने वाले चुनाव में इस सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए जनता तैयार बैठी है। जिसका खामियाजा इस सरकार को आने वाले चुनाव में भुगतना पड़ेगा।रिपोर्ट भारती मिश्रा
भाजपा के 18 विधायकों का निलंबन झारखंड के लिया काला अध्याय, अपना कुकृत्य छुपाना चाहती है झारखंड सरकार: संजय सेठ
