डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को दिया जा रहा है..
कोटा लोकसभा सीट से सांसद चुने गए ओम बिड़ला एक बार फिर लोकसभा स्पीकर की कुर्सी संभालने वाले हैं। इस पद के लिए उनका नाम तय हो चुका है। वे आज सेक्रेटरी जनरल के यहां जार अपना नामांकन दाखिल करेंगे। डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को दिया जा रहा है।लोकसभा अध्यक्ष चयन प्रक्रिया में सत्तारूढ़ दल और विपक्ष ने बिना चुनाव की आवश्यकता के उम्मीदवारों पर सहमति जताई। ओम बिरला के अगले अध्यक्ष बनने की अटकलें हैं, जबकि उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को मिलेगा। पिछले दो कार्यकालों में लोकसभा में भाजपा के बहुमत के कारण उपाध्यक्ष का पद खाली रहा था।
एनडीए की तरफ से 18वीं लोकसभा स्पीकर के लिए ओम बिड़ला का नाम तय…
एक बार फिर लोकसभा स्पीकर की कमान संभालने जा रहे हैं। एनडीए की तरफ से 18वीं लोकसभा स्पीकर के लिए ओम बिड़ला का नाम तय कर दिया गया है। वहीं डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को दिए जाने पर सहमति बनती दिख रही है। गौरतलब है कि 17वीं लोकसभा में भी ओम बिड़ला स्पीकर बनाए गए थे। बिड़ला ऐसे पहले सांसद होंगे जो लगातार दो टर्म में स्पीकर चुने जा रहे हैं। कहा जा रहा कि ओम बिरला ही लोकसभा अध्यक्ष होंगे। सत्ता पक्ष की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मोर्चा संभाला और काम बन गया। माना जा रहा है कि विपक्ष के साथ बातचीत में उपाध्यक्ष पद पर चर्चा हुई और सत्ता पक्ष ने यह पद त्यागने का फैसला कर लिया। इस तरह सत्ता पक्ष और विपक्ष ने कदम बढ़ाया और दोनों अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर सहमत हो गए। कहा जा रहा है कि सत्ता पक्ष के पास लोकसभा अध्यक्ष का पद होगा तो उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को मिलेगा।
लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर एक-एक कैंडिडेट ही खड़े हों…
राहुल गांधी ने कहा कि हम लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए केंद्र सरकार की पसंद का समर्थन करेंगे यदि वे विपक्ष को उपाध्यक्ष का पद देते हैं. दोनों खेमों में बातचीत तब हुई जब नामांकन की अंतिम तारीख आ गई। सत्ता पक्ष की तरफ से राजनाथ सिंह ने विपक्षी नेताओं से बात की और राजी-खुशी से यही तय हुआ कि लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर एक-एक कैंडिडेट ही खड़े हों ताकि चुनाव की नौबत नहीं आए। संसद के निचले सदन के लिए दोनों ही महत्वपूर्ण पदों पर अब आम सहमति से निर्वाचन हो जाएगा। चूंकि वोटिंग होनी नहीं है, इसलिए अब सीधे लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के नाम घोषित होंगे।
इसके लिए सरकार की आलोचना भी होती रही..(Headlines ).. 16वीं और 17वीं लोकसभा में किसी को भी उपाध्यक्ष पद नहीं दिया गया। इसके लिए सरकार की आलोचना भी होती रही। हालांकि, 2014 से 2019 तक सुमित्रा महाजन जबकि 2019 से 2024 के कार्यकाल में ओम बिरला लोकसभा अध्यक्ष पद पर विराजमान रहे। सुमित्रा तब मध्य प्रदेश के इंदौर से चुनी गई थीं जबकि ओम बिरला राजस्थान के कोटा से सांसद थे। बिरला इस बार भी कोटा से चुनकर संसद पहुंचे हैं। उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई है। इसलिए अटकलें लगाई जा रही हैं ओम बिरला ही दोबारा लोकसभा अध्यक्ष होंगे। रिपोर्ट:- अमित कुमार सिन्हा