महाभारत के महत्वपूर्ण पात्रों में से एक शापित योद्धा, क्या अश्वत्थामा आज भी जिंदा है या है रहस्य मात्र, टीवी चैनलों और समाचार माध्यम से…

मान्यता के अनुसार,महाभारत युद्ध से पूर्व गुरु द्रोणाचार्य अनेक स्थानों में भ्रमण करते हुए हिमालय (ऋषिकेश) प्‌हुचे। वहाँ तमसा नदी के तट पर एक दिव्य गुफा में तपेश्वर नामक स्वयंभू शिवलिंग है। यहाँ गुरु द्रोणाचार्य और उनकी पत्नी माता कृपि ने शिव की तपस्या की। इनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने इन्हे पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया। कुछ समय पश्चात् माता कृपि ने एक सुन्दर तेजश्वी बाल़क को जन्म दिया। जन्म ग्रहण करते ही इनके कण्ठ से हिनहिनाने की सी ध्वनि हुई जिससे इनका नाम अश्वत्थामा पड़ा। जन्म से ही अश्वत्थामा के मस्तक में एक अमूल्य मणि विद्यमान थी। जो कि उसे दैत्य, दानव, शस्त्र, व्याधि, देवता, नाग आदि से निर्भय रखती थी। वह मणि अश्वत्थामा को बुढ़ापे, भूख, प्यास और थकान से भी बचाती थी। भगवान शिव से प्राप्त उस शक्तिशाली दिव्य मणि ने अश्वत्थामा को लगभग अजेय और अमर बना दिया था।
आप लोगों ने वेदव्यास्कृत महाभारत तो पढ़ा ही होगा, उनकी कृति नायकों में एक अश्वत्थामा का नाम भी शामिल है, क्या सच में आज भी जीवित है महाभारत का अश्वत्थामा? रहस्यों से भरी है ये कहानी
महाभारत की कहानी: महाभारत के कई किरदार आज भी रहस्यों को समेटे हुए हैं और उनमें से एक है अश्वत्थामा. मान्यता है कि अश्वत्थामा आज भी जिंदा है और जंगलों में भटक रहे हैं. द्वापर युग में हुआ महाभारत का युद्ध केवल कौरवों और पांडवों के बीच की लड़ाई नहीं थी, बल्कि एक ऐसा धर्मयुद्ध था जिसने कलयुग में भी बहुत कुछ सिखाया है. इस युद्ध में कई बड़े योद्धा और वीर शामिल हुए, लेकिन महाभारत के कुछ किरदार ऐसे हैं जिनका नाम किसी न किसी वजह से आज भी लोगों के जुबां पर आ ही जाता है. इनमें से एक नाम अश्वत्थामा का भी है जो कि कलयुग में भी जिंदा है और लोगों का मानना है कि अश्वत्थामा आज भी जंगलों में भटक रहा है, अश्वत्थामा से जुड़े कई ऐसे सवाल और भम्र हैं जिनका जवाब आज तक नहीं मिल पाया है. आखिर महाभारत के युद्ध में ऐसा क्या हुआ था जिसकी वजह से आज भी जिंदा हैं अश्वत्थामा?

अश्वत्थामा महाभारत का एक ऐसा किरदार है जिसे लेकर कहा जाता है कि यह आज भी जिंदा है. कहते हैं कि अश्वत्थामा महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण से मिले श्राप के कारण आज भी जंगलों में भटक रहा है और उसके शरीर पर बड़े-बड़े घाव हैं. अश्वत्थामा से जुड़ी ये रहस्यमयी कहानी आपको चौंका देगी. क्योंकि महाभारत के युद्ध में अश्वत्थामा से एक ऐसी गलती हो गई थी जिसकी सजा वह आज तक भुगत रहा है.

पौराणिक कथाओं के अनुसार अश्वत्थामा गुरु द्रोणाचार्य का पुत्र है और गुरु द्रोणाचार्य महाभारत के युद्ध में कौरवों की ओर से लड़ रहे थे. युद्ध के दौरान पांडवों ने झूठी अफवाह फैला दी कि अश्वत्थामा मर गया है. जिसे सुनकर गुरु द्रोणाचार्य शोक में डूब गए है और मौका पाकर पांडवों ने उनका वध कर दिया. जब अश्वत्थामा को इस बात का पता चला तो वह छल से हुई अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए पांडव पुत्रों की हत्या कर दी.

जिसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने अश्वत्थामा को श्राप दिया कि तू निर्जन स्थानों पर भटकता रहेगा और तेरे शरीर पर ऐसे घाव होंगे जो कभी नहीं भरेंगे, कहते हैं कि इस श्राप की वजह से ही अश्वत्थामा कलयुग में भी भटक रहा है और उसके शरीर से रक्त की दुर्गंध आती रहती है. वैसे किसी ने उसे देखा नहीं है, लेकिन कई लोगों ने दावा किया है कि अश्वत्थामा आज भी जंगलों पर
भटक रहा है!

रिपोर्ट:-अमित कुमार सिन्हा (पटना)

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