ईमानदारी आज भी जिंदा है। हक अदा किया दोस्ती का

सहारनपुर जनपद सहारनपुर का एक मामला सामने आया जिसमें 43 साल बाद एक युवक ने दोस्त की वारिसों को सोंपी उनकी अमानत के दस्तावेज। अय्यूब खान पुत्र अब्दुल अजीज निवासी इब्राहिमपुर जिला हरिद्वार के निवासी ने अपने मरहूम दोस्त महमूद खान के परिवार वालों को उनकी संपत्ति के दस्तावेज सौंपते हुए खुशी महसूस की। अयूब खान ने कहा कि आज मेरे सर से बोज हल्का हो गया 43 साल पहले जो मेरे दोस्त ने मुझे अपनी अमानत सौपी थी। मैं आज उनके वारिसों को सौंप दी है। अय्यूब खान ने कहा कि मेरे दोस्त महमूद खान शहीद गंज सहारनपुर का निवासी था।

उसको डर था कि कहीं उसके एक लोते पुत्र अय्यूब खान पुत्र महमूद खान उस वक्त छोटा था कहीं यह संपत्ति मेरे व मेरे परिवार की परेशानी का शबब बन जाये। इसलिए यह दस्तावेज उसने मुझे सौपे थे और कहा था कि जब कभी मुझे या मेरे परिवार को इनकी जरूरत पड़े तो हमें सौंप देना। लेकिन मेरे दोस्त महमूद का इंतकाल हो गया और उनके वारिस मेरे संपर्क में ना रह सके जिसमे मे बड़ा परेशान हो गया था।

मैं कहीं साल तक उनको ढूंढा अब जाकर उनके वारिस का मुझे पता लगा तो मैं उनकी अमानत उन्हें सौंपने के लिए आज सहारनपुर कचहरी पहुंचा ।वही महमूद खान के लड़के अयूब की विधवा वह उसका पुत्र को जब उनकी संपत्ति के दस्तावेज उनको सोप तो वह भी खुशी के मारे रोने लगे और कहने लगे कि आज भी ईमानदारी जिंदा है जिस दस्तावेज को हम बहुत दिन से ढूंढ रहे थे आज वह उन्हें अयूब खान निवासी इब्राहिमपुर जिला हरिद्वार ने उन्हें सोपे और कहा कि जब भी कभी उन्हें उनकी जरूरत पड़े मैं हाजिर रहूंगा परिवार वालों ने उनका शुक्रिया अदा किया।

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