डोडा सड़क हादसा : बिना परमिट दौड़ रही थी बस… क्षमता 42 की, बिठा रखे थे 55 यात्री … इस वर्ष अब तक 61 मौतें …

डोडा जिले में बुधवार को बड़ा सड़क हादसा हुआ। भीषण हादसे में 38 यात्रियों की जान चली गई। हादसे में 16 यात्री घायल हो गए हैं। इनमें से कई यात्रियों की हालत गंभीर बनी हुई है।

डोडा जिले के अस्सर इलाके में बुधवार को सड़क हादसे का शिकार हुई बस (जेके02- सीएन6555)तीन साल पुरानी थी। अप्रैल 2020 में बस का पंजीकरण हुआ था, लेकिन अप्रैल 2023 के बाद से बस के रूट परमिट का नवीनीकरण नहीं हुआ था।

यानी कि बस का परिचालन बिना वैध रूट परमिट के अवैध तरीके से हो रहा था। यह बस ओवरलोड थी। बस की क्षमता 42 यात्रियों की थी परंतु उसमें 55 लोगों को बिठाया गया था। वाहन रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर दर्ज आकंड़े के अनुसार, हादसे की शिकार बस का स्टेट कैरिज परमिट 31 मार्च 2023 तक ही वैध बताया जा रहा है।
पिछले कुछ वर्षों में डोडा जिला सड़क हादसों का केंद्र बन गया है। चिनाब घाटी में सड़कों और यात्री वाहनों की खस्ताहाल स्थिति हादसों की मुख्य वजह है। 2010 से अगस्त 2023 तक यानी सिर्फ डोडा जिले में 605 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है।

जिसमें बुधवार को हुए हादसे में हुई 38 मौतें भी शामिल हैं। संकरी सड़कें, तीखे मोड़ और वाहनों की तेज रफ्तार आए दिन सड़क हादसों का बड़ा कारण बन रही है। अभी तक डोडा जिले में सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें 2021 में हुई थी। इस साल 66 लोगों ने सड़क हादसों में जान गंवाई।

इस वर्ष अब तक 61 मौतें , दस साल में दूसरी सबसे ज्यादा मौतें

वर्ष 2023 में अगस्त तक 23 मौतें दर्ज की गईं जबकि बुधवार को सड़क हादसे में 38 लोगों की मौत हुई है। ऐसे में अभी तक इस साल 61 लोगों की मौत हो चुकी है, जो दस साल में दूसरी सबसे ज्यादा मौतें हैं। डोडा जिले में हर वर्ष औसत 30 से अधिक लोगों की मौत सड़क हादसों में हो रही है।

मरने वालों में सबसे ज्यादा जिला डोडा के

हादसे में मरने वालों में सबसे ज्यादा लोग जिला डोडा के हैं। यहां के 15 लोगों की जान गई है। वहीं, 12 लोग किश्तवाड़, तीन बिहार, दो उत्तर प्रदेश और तीन छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। वहीं, रामबन, उधमपुर और कठुआ जिले का एक-एक व्यक्ति है।

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