लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मुस्लमानो के लिए बीजेपी ने चलाया ये महाअभियान! जाने पूरा प्लान….

भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव, 2024 और साल के अंत में पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले धीरे-धीरे मुसलमानों तक अपनी पहुंच बढ़ाने की कोशिश कर रही है. पूरे मुस्लिम समुदाय पर पकड़ बनाने के बजाय वह समुदाय के अलग-अलग हिस्सों को लुभाने की स्ट्रेटजी के तहत काम कर रही है. पसमांदा मुस्लिमों के साथ सूफी मुसलमानों पर भी बीजेपी ने अपना फोकस बढ़ा दिया है. इसी मकसद को पूरा करने के लिए बीजेपी ने अपनी रणनीतिक पहल के तहत ‘सूफी संवाद महाअभियान’ शुरू किया है. 12 अक्टूबर, 2023 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में सूफी संवाद महाअभियान हुआ और 100 दरगाहों के 200 सूफी इसमें शामिल हुए.

लखनऊ के कार्यक्रम में एक नारा लगा- न दूरी है न खाई है, मोदी हमारा भाई है. कार्यक्रम में मौजूद 200 सूफियों से यह नारा लगवाया गया और उन्हें समझाया गया कि कैसे देश के मुस्लिम समुदाय तक उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के कामों, उनकी नीतियों और योजनाओं की जानकारियों को पहुंचाना है. इतना ही नहीं एक काम और इन सूफियों को करना है कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जैसे विपक्षी दल बीजेपी को लेकर जो गलतफहमियां लोगों में फैलाते हैं उसे दूर करने की कोशिश करें.

लोगों की परेशानियों और मांगों को पार्टी तक पहुंचाया जाएगा
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रमुख जमाल सिद्दीकी ने बताया, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सूफियों की भारतीय परंपरा के अहम हिस्से के तौर पर सराहना करते हैं. सूफी आम लोगों के बीच रहते हैं. पीएम मोदी चाहते हैं कि बीजेपी सूफियों के जरिए प्रधानमंत्री के विजन और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देशभर की जनता तक पहुंचाए. यह पसमांदा आउटरीच से एक विशिष्ट आउटरीच है. इसका मकसद है कि सूफी आध्यात्मिक नेता समाज और विशेषरूप से मुस्लिम समुदाय से आने वाले अपने अनुयायियों तक बीजेपी का संदेश पहुंचाएं.’ सिद्दीकी ने यह भी कहा कि इस कार्यक्रम का मकसद ये नहीं है कि सूफी बीजेपी में शामिल हों, लेकिन वह आम मुसलमानों तक पहुंचें और वार्ता करें. सिद्दीकी ने कहा कि कार्यक्रम के जरिए समुदाय के लोगों की परेशानियों और उनकी मांगों को पार्टी तक पहुंचाया जाएगा.

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