उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर दिए गए विवादित बयान पर विवाद शुरू,जानिए भाजपा का वार तो कांग्रेस ने झाड़ा पल्ला…

उदयनिधि स्टालिन ने सनातन उन्मूलन सम्मेलन में बोलते हुए कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें ही खत्म किया जाना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे खत्म करना होगा। इसी तरह हमें सनातन को खत्म करना है। खेल विकास मंत्री ने आगे कहा कि सनातन नाम संस्कृत का है। यह सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। 

सनातन धर्म को खत्म करने वाली टिप्पणी पर हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने उदयनिधि स्टालिन को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि मंत्री को समझना चाहिए की सनातन धर्म कोई टॉफी या बताशा नहीं है, जो मुंह में डाला और गल जाएगा। सनातन धर्म सदियों से अस्तित्व में है और रहेगा। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि जितने भी I.N.D.I.A गठबंधन से जुड़े लोग हैं वो पीएम मोदी की बजाय सनातन धर्म से लड़ रहे हैं। उनका उद्देश्य सनातन धर्म को खत्म करना है।

इसके अलावा, भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी स्टालिन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह किसी नरसंहार से कम नहीं है और इसे कांग्रेस पार्टी के कार्ति चिदंबरम ने समर्थन दिया है। यह गठबंधन की मानसिकता दिखाता है।

उन्होंने कहा कि यह पहला विवादित बयान नहीं है, इससे पहले समाजवादी पार्टी ने कहा था कि सनातन धर्म धोखा है। वहीं, कांग्रेस पार्टी हमेशा से सनातन धर्म पर वार करता रहा है। उन्होंने कहा कि अब सवाल उठता है कि क्या यह ‘मोहब्बत की दुकान’ है या यह नफरत के भाईजान हैं? उन्होंने कहा कि यह ‘सनातन विरोध’ का लंबा पैटर्न है। ऐसे जुड़ेगा क्या भारत। 

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर दिए गए विवादित बयान पर विवाद शुरू हो गया है।

आपको बता दें भाजपा नेताओं समेत कई लोग विरोध दर्ज करा रहे हैं।

आईए जानते हैं पूरा मामला—

उदयनिधि स्टालिन ने सनातन उन्मूलन सम्मेलन में बोलते हुए कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें ही खत्म किया जाना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे खत्म करना होगा। इसी तरह हमें सनातन को खत्म करना है। खेल विकास मंत्री ने आगे कहा कि सनातन नाम संस्कृत का है। यह सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। 

सनातन धर्म को खत्म करने वाली टिप्पणी पर हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने उदयनिधि स्टालिन को आड़े हाथ लिया। और कहा कि सनातन धर्म सदियों से अस्तित्व में है और रहेगा। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि जितने भी I.N.D.I.A गठबंधन से जुड़े लोग हैं वो पीएम मोदी की बजाय सनातन धर्म से लड़ रहे हैं।

इसके अलावा, भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी स्टालिन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह किसी नरसंहार से कम नहीं है और इसे कांग्रेस पार्टी के कार्ति चिदंबरम ने समर्थन दिया है।

उन्होंने कहा कि यह पहला विवादित बयान नहीं है, इससे पहले समाजवादी पार्टी ने कहा था कि सनातन धर्म धोखा है।

वहीं, कांग्रेस पार्टी हमेशा से सनातन धर्म पर वार करता रहा है। उन्होंने कहा कि अब सवाल उठता है कि क्या यह ‘मोहब्बत की दुकान’ है या यह नफरत के भाईजान हैं? उन्होंने कहा कि यह ‘सनातन विरोध’ का लंबा पैटर्न है। ऐसे जुड़ेगा क्या भारत। 

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