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मेवात सांप्रदायिक बवाल में अब तक 02 होमगार्ड की मौत10 पुलिसकर्मी घायल ! इंटरनेट और मैसेज सेवाएं 02अगस्त तक….

हरियाणा के मेवात के नूंह इलाके में सोमवार को धार्मिक हिंसा हुई. सोमवार दोपहर खबर आई कि मेवात में भगवा यात्रा के दौरान दो गुटों में टकराव हुआ है. भगवा यात्रा के दौरान अचानक से हुई पत्थरबाजी में कई लोग घायल हो गए. मौके पर पुलिस प्रशासन की मौजूदगी के बावजूद भी भारी पथराव हुआ. पथराव से शुरू हुआ बवाल इतना बढ़ गया कि कई गाड़ियों में भी आग लगा दी गई. बवाल के बाद नूंह और मेवात क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं 2 अगस्त तक के लिए निलंबित कर दी गई हैं. नूंह के बाद शाम तक हरियाणा के सोहना से भी हिंसा की खबर सामने आई.

2 होम गार्ड्स की मौत, 10 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल

गुरुग्राम कमिश्नर के हवाले से खबर है कि मेवात हिंसा में दो होम गार्ड्स की मौत हो गई है. जबकि 10 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. गुरुग्राम कमिश्नर ने कहा है कि इस घटना से संबंधित कोई भी हिंसा और उन्माद फैलाने वाला कोई भी पोस्ट सोशल मीडिया पर ना डालें, जिससे धार्मिक भावनाओं, आपसी भाईचारे को ठेस पहुंचे और अशांति फैले. यदि कोई भी इस तरह के पोस्ट सोशल मीडिया या इंटरनेट पर डालता है तो गुरुग्राम पुलिस द्वारा उसने खिलाफ तत्परता से कार्यवाही की जाएगी. अतः किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान ना दे और शांति व सौहार्द बनाए रखें.

कांग्रेस नेता ने हिंसा को बताया सीएम खट्टर की नाकामी का नतीजा

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इस हिंसा को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा, मेवात के नूंह, मानेसर व गुड़गांव से आ रही हिंसा, आगजनी, तोड़फोड़ और दंगे की खबरें अत्यंत चिंताजनक भी हैं और दिल दहलाने वाली भी. ये सीधे सीधे क़ानून व्यवस्था का फेल्यर है, खट्टर सरकार की नाकामी का नतीजा है.

भाजपा-जजपा सरकार ने प्रदेश को पहले जातीय दंगों की आग में धकेला और अब धार्मिक दंगों की ज्वाला में हरियाणा का अमन चैन झुलसाया जा रहा है. आजादी के 75 साल में पहली बार हरियाणा की धार्मिक दंगों की भेंट चढ़ाने की साजिश हो रही है. ये शान्तिप्रिय हरियाणा के इतिहास में काला दिन है.

हमारी मांग है कि दंगाई चाहे किसी भी धर्म या जाति से हों उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए. खुद मुख्यमंत्री श्रीमान खट्टर को आगे बढ़ कानून व्यवस्था स्थापित करने व शांति बनाने का कार्य करना चाहिए. CM खट्टर जी को जानना चाहिए कि ये वक्त हाथ धर कर बैठने का नहीं. वक्त की मांग है कि CM आगे आयें, सभी पक्षों से वार्तालाप करें, शांति बनाएं, दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करें तथा स्तिथि को समझ राजधर्म निभायें.

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