राजनीति संभाली पर नहीं संभाल सके रिश्ता! 22 साल पहले शुरू हुई प्रेम कहानी का अंजाम तलाक ! मंत्री दयाशंकर और स्वाति सिंह की……

उत्तर प्रदेश में एक हाई प्रोफाइल तलाक की खूब चर्चा है. यह तलाक पूर्व मंत्री स्वाति सिंह और मौजूदा मंत्री दयाशंकर सिंह के बीच हुआ है. दोनों के बीच 22 साल का रिश्ता था, जो अब खत्म हो गया है. तलाक की अर्जी को स्वाति सिंह ने दाखिल किया था, जिस पर दयाशंकर कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहे थे. कोर्ट ने एकतरफा फैसला सुना दिया.

तलाक होने के बाद मंत्री दयाशंकर सिंह ने चुप्पी तोड़ दी है. उन्होंने कहा, ‘तलाक एकतरफा है, मैंने कभी तलाक की अर्जी नहीं दी, न मैं इस मामले में अदालत गया, लेकिन चूंकि अब यह हो गया है तो अब मैं इस मसले पर अपनी तरफ से आगे नहीं बढूंगा, स्वाति सिंह की बढ़ी हुई राजनीतिक महत्वाकांक्षा इसके पीछे की वजह है.’

आइए जानते हैं कि दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह को तलाक लेने की नौबत क्यों आई?

शुरुआत करते हैं 90 के दशक से. दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह दोनों ही बलिया के रहने वाले हैं. स्वाती सिंह, इलाहाबाद में एमबीए की पढ़ाई कर रही थीं और दयाशंकर सिंह, लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में सबसे आगे के नेता थे. दोनों अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े थे. कई कार्यक्रमों में दोनों की मुलाकात होती थी.

इसके बाद स्वाति सिंह, लखनऊ आ गईं और यूनिवर्सिटी से पीचएडी की पढ़ाई करने लगीं. इस दौरान दोनों की नजदीकियां बढ़ीं और दोनों ने 18 मई 2001 को शादी कर ली. शादी के कुछ सालों तक सबकुछ ठीक रहा है. दोनों के एक बेटा और एक बेटी हैं. शादी के कुछ सालों बाद में दोनों के रिश्तों में तल्खी बढ़ती गई और 2012 में बात तलाक तक पहुंच गई.

2012 में स्वाति सिंह लखनऊ की फैमिली कोर्ट में दयाशंकर सिंह से तलाक की अर्जी डाली थी. पारिवारिक न्यायालय में डाली गई स्वाति सिंह की तरफ से तलाक की अर्जी में आरोप लगाया गया कि दयाशंकर सिंह उनके साथ मारपीट करते हैं. स्वाति सिंह ने खुद को घरेलू हिंसा का शिकार बताया था. 2018 में अदालत ने इस केस को बंद कर दिया.

दयाशंकर के लिए स्वाति सिंह ने संभाला था मोर्चा

2017 में तलाक का मामला कोर्ट में चल ही रहा था कि दयाशंकर सिंह ने बसपा चीफ मायावती के खिलाफ एक विवादित बयान दे दिया. दयाशंकर के बयान से बीजेपी भी बैकफुट पर आ गई और उनसे फौरन किनारा करते हुए उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया, लेकिन बसपा नेताओं ने स्वाति सिंह और उनकी बेटी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर दी.

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