‘शिवसेना ठाकरे की थी, है और रहेगी…’, सामना ने अमित शाह को बताया दुश्मन…..

सामना के जरिए उद्धव ठाकरे गुट ने शिवसेना का नाम और चुनाव निशान शिंदे गुट को देने के फैसले पर सवाल उठाए हैं. सामना में अमित शाह को मराठी लोगों का नंबर एक दुश्मन बताया गया है और ये भी कहा गया है कि पीएम मोदी को लाल किले से देश में तानाशाही स्थापित होने का ऐलान कर देना चाहिए.

शिवसेना के नाम और चुनाव निशान को लेकर फैसला एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में आने के बाद उद्धव गुट ने चुनाव आयोग, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उद्धव ठाकरे गुट ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में लेख के जरिए बीजेपी पर हमला बोला है और गृह मंत्री अमित शाह के साथ ही चुनाव आयोग को भी घेरा है.

सामना में लिखा है कि शिवसेना नाम और चुनाव निशान पर चुनाव आयोग ने मिंधों (शिंदे गुट) के पक्ष में अपना फैसला सुनाया है. चुनाव आयोग ने ठाकरे की ओर से स्थापित, जतन की गई शिवसेना को दिल्ली के तलवे चाटने के लिए मिंधों के हाथ दे दी. फिर भी शिवसेना ठाकरे की थी, है और रहेगी. 40 बेईमान विधायक और 12 सांसद यानी शिवसेना, इस तरह का निर्णय देकर कानून और जनभावना की धज्जियां उड़ाई गईं. शिवसेना के लाखों कार्यकर्ताओं, शिवसेना पदाधिकारियों, जिला प्रमुखों ने ट्रक भरकर दिल्ली के चुनाव आयोग को शपथ पत्र भेजे थे. क्या इसका कोई मूल्य नहीं?

सामना के लेख में चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाए गए हैं. सामना में लिखा है कि जिन्हें शिवसैनिक जीताकर लाए, उनके सिर गिनकर धनुष-बाण पार्टी के नाम का फैसला सुनाना संविधान के साथ भी बेईमानी है. उन्हें ठाकरे के नाम पर वोट मिले थे. ये लोग कल भी चुनकर आएंगे ही, इसकी गारंटी न होते हुए भी शिवसेना और धनुष-बाण का भविष्य उन लफंगों के भरोसे सुनिश्चित किया गया. ये चुनाव आयोग के सत्ता पक्ष का गुलाम बनने का ही संकेत है.

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